जरमुंडी : असम के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सह चुनाव प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने झारखंड में हो रहे सांप्रदायिक बदलाव पर गंभीर सवाल उठाए हैं। शुक्रवार को दुमका जिले के जरमुंडी में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए सरमा ने कहा कि झारखंड में आदिवासी जनसंख्या तेजी से घट रही है, जबकि मुस्लिम आबादी लगातार बढ़ रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में घुसपैठियों की संख्या बढ़ रही है, जो झारखंड की सांस्कृतिक और सामाजिक संरचना को प्रभावित कर रही है।
‘झामुमो अब आदिवासियों की नहीं’
हिमंता बिस्वा सरमा ने झामुमो (JMM) पर निशाना साधते हुए कहा, “आज झामुमो आदिवासियों की पार्टी नहीं रही, यह घुसपैठियों की पार्टी बन गई है। पार्टी का मुख्य उद्देश्य अब घुसपैठियों के वोटबैंक को मजबूत करना है, न कि आदिवासियों के हक की रक्षा करना।” सरमा ने दावा किया कि बांग्लादेशी घुसपैठियों ने संथाल परगना सहित राज्य के कई इलाकों में अपनी जड़ें जमा ली हैं। विशेषकर पाकुड़ और साहिबगंज जिलों में मुस्लिम आबादी का अनुपात 35 प्रतिशत तक पहुंच चुका है, जो कि राज्य की जनसंख्या में एक चिंताजनक बदलाव को दर्शाता है।
सरकार पर घुसपैठियों के समर्थन का आरोप
सरमा ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर आरोप लगाया कि वह इन घुसपैठियों को संरक्षण दे रही है। “हेमंत सरकार के तहत घुसपैठिए आदिवासियों की जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं, लेकिन सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। एक आदिवासी मुख्यमंत्री के होते हुए भी आदिवासियों को उनका हक नहीं मिल रहा,” सरमा ने कहा।
आदिवासी संस्कृति की रक्षा में भाजपा का वादा
हिमंता बिस्वा सरमा ने आगे कहा कि यदि झारखंड में भाजपा की सरकार बनती है, तो घुसपैठियों को आदिवासी प्रमाणपत्र नहीं दिए जाएंगे, और उन्हें मुखिया के चुनाव में भी हिस्सा लेने की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा, जिन आदिवासियों की ज़मीन घुसपैठियों ने कब्जाई है, उन्हें वापस दिलाने का वादा भी सरमा ने किया। “झारखंड की रोटी-बेटी-माटी की सुरक्षा केवल भाजपा-एनडीए सरकार ही कर सकती है,” सरमा ने कहा।
झारखंड में हिंदू एकता की जरूरत
जनसभा में हिमंता बिस्वा सरमा ने झारखंड में हिंदू समाज के एकजुट होने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर हिंदू समाज एकजुट होकर वोट करेगा तो घुसपैठियों के वोटबैंक को तोड़ा जा सकता है। सरमा ने यह भी कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी, आलमगीर आलम और इरफान अंसारी जैसे लोग हर चुनाव में समाज को तोड़ने का प्रयास करते हैं, और समाज को एससी-एसटी-ओबीसी जैसी श्रेणियों में बांटने की कोशिश करते हैं।
शुक्रवार को स्कूल बंद करने पर भी सवाल उठाए
सरमा ने राज्य में शुक्रवार को स्कूलों के बंद होने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “अगर शुक्रवार को स्कूल बंद होते हैं तो मंगलवार को भी बंद होने चाहिए। क्या सरकार हिंदू त्योहारों के नाम पर इस तरह का भेदभाव करती है?” उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में रामनवमी जुलूस और दुर्गा पूजा की अनुमति नहीं दी जाती, जो कि धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के बराबर है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने झारखंड की राजनीतिक स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है, खासकर घुसपैठियों के बढ़ते प्रभाव और आदिवासी अधिकारों की रक्षा के संदर्भ में। उनके बयानों से यह साफ हो गया कि आगामी चुनाव में भाजपा आदिवासी वोटों को आकर्षित करने के लिए सक्रिय रूप से घुसपैठियों के खिलाफ अपनी नीति को प्रमुख बनाएगी।