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असम के फायरब्रांड मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की पत्नी ने Congress सांसद पर क्यों ठोका मुकदमा

by Rakesh Pandey
असम के फायरब्रांड मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा
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गुवाहाटी। असम के फायरब्रांड नेता की पहचान रखनेवाले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा तो पहले से ही चर्चा में रहे हैं। इनदिनों उनकी पत्नी की चर्चा भी भारतीय राजनीतिक गलियारे में खूब हो रही है। दरअसल, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की पत्नी रिंकी भुइयां सरमा ने कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई के खिलाफ 10 करोड़ रुपए की मानहानि का मुकदमा दायर किया है। आपको बता दें कि रिंकी ने एक फूड प्रोसेसिंग प्रोजेक्ट में अनियमितताओं के झूठे आरोपी को लेकर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई के खिलाफ 10 करोड़ रुपए की मानहानि का मुकदमा दायर किया है।

क्या है पूरा मामला ?

एक मीडिया रिपोर्ट और एक ट्वीट ने कई चर्चाओं के बीज बोए हैं। दरअसल, गुवाहाटी के डिजिटल मीडिया ‘द क्रॉसकरंट’ में छपे एक रिपोर्ट ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नगांव जिले के कालियाबोर के दारिगाजी गांव में 50 बीघा से अधिक कृषि भूमि खरीदी गई। खरीद के 1 महीने के अंदर इस कृषि भूमि का स्वरूप बदल दिया गया। इसे औद्योगिक भूमि के रूप मे बदला गया है।

मामले से क्यों जुड़ा रिंकी भुइयां का नाम

यहां जिस भूमि की बात हो रही है उस भूमि की खरीदारी कंपनी ‘प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट’ द्वारा की गई थी, जिसकी प्रबंध निदेशक रिंकी भुइयां हैं। इसके बाद, गोगोई ने ट्विटर पर हिमंत बिस्वा सरमा और उनकी पत्नी के खिलाफ आरोप लगाए कि उन्होंने केंद्र सरकार से परियोजना के लिए सब्सिडी प्राप्त करने में भ्रष्टाचार किया। वकील देवजीत सैकिया ने बताया कि सब्सिडी पाने की कोई प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हुई है। उनकी मुवक्किल की कंपनी को कारण बताओ नोटिस 26 मई को भेजा गया था, और फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय ने एक ईमेल भी भेजा था। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट के लिए मंजूरी 22 नवंबर, 2022 को दी गई थी। आखिरी ईमेल में हमें बताया गया था कि अगर हमने अपना प्रस्ताव जमा नहीं कराया तो हमारा दावा समाप्त हो जाएगा।

बोले वकील, आरोप तथ्यहीन, पूरी मजबूती से लड़ेंगे

सब्सिडी पाने के लिए किसी भी बात का जवाब नहीं दिया जा रहा है। वकील ने बताया कि उनके द्वारा सोशल मीडिया पर दिए गए आरोप तथ्यों पर आधारित नहीं हैं और उन्होंने उन आरोपों की पूरी तैयारी नहीं की है। उन्होंने यह भी कहा कि परियोजना के लिए मंजूरी मिलने का अर्थ यह नहीं है कि सब्सिडी मिली है, और वे इस मुकदमे को पूरी ताकत से लड़ेंगे। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने पीयूष गोयल से हस्तक्षेप करने की मांग की है और दावा किया है कि सब्सिडी प्राप्ति की प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हुई है।

10 करोड़ रुपये अनुदान की दी गई थी स्वीकृति

वह बता चुके हैं कि गोयल ने असम में निवेश करने की सरकार की पहल से जुड़े सवाल पर लोकसभा में अपने जवाब में 31 जनवरी 2022 तक प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना (पीएमकेएसवाई) के तहत समर्थन प्राप्त खाद्य प्रसंस्करण परियोजनाओं की एक सूची दी थी, जिसमें स्वीकृत अनुदान सहायता की राशि 10 करोड़ रुपये बताई गई थी। गोगोई ने दावा किया है कि इस बारे में उन्हें कोई सूचना नहीं दी गई थी, और उन्होंने इसके बारे में जानकारी प्राप्त करने की मांग की है।

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