सेंट्रल डेस्क : आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने दिल्ली के सीएम पद का चार्ज ले लिया है। वहीं उन्होंने अनोखे तरीके से चार्ज लिया है। उन्होंने सीएम की कुर्सी के बगल में एक खाली कुर्सी रखकर पदभार ग्रहण किया। आतिशी सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठी हैं। वह एक दूसरी कुर्सी पर बैठी हैं।
चार्ज लेने पर क्या बोली आतिशी?
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि आज मैंने दिल्ली के मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला है। आज मेरे मन की वही व्यथा है जोकि भरत जी की थी। जब भगवान श्री राम 14 वर्ष के लिए वनवास चले गए थे। जिस तरह से भरत जी ने भगवान श्रीराम के खड़ाऊं रखकर अयोध्या का काम संभाला, वैसे ही मैं अगले 4 महीने तक मुख्यमंत्री का पद संभालूंगी।
बोली आतिशी- यह कुर्सी अरविंद केजरीवाल की
साथ ही आतिशी ने कहा कि पिछले 2 साल से भाजपा ने अरविंद केजरीवाल पर कीचड़ उछालने में कोई कसर नहीं छोड़ी। साथ ही उनको 6 महीने के लिए जेल में डाला। कोर्ट ने भी कहा कि अरविंद केजरीवाल को एजेंसी ने दुर्भावना से गिरफ्तार किया। ये कुर्सी अरविंद केजरीवाल की है। मुझे भरोसा है कि फरवरी में होने वाले चुनाव में दिल्ली की जनता अरविंद केजरीवाल को जीताकर फिर से मुख्यमंत्री बनाएगी। तब तक अरविंद केजरीवाल की ये कुर्सी यहीं रहेगी।
बीजेपी ने किया आतिशी पर हमला
मुख्यमंत्री की कमान संभालने के बाद भी सीएम आतिशी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठी और अपनी कुर्सी लेकर सचिवालय पहुंची, इस पर अब बीजेपी का रिएक्शन सामने आने लगा है। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने आतिशी पर निशाना साधते हुए कहा है कि दिल्ली में ये ड्रामा बंद होना चाहिए, आज आतिशी मार्लेना ने अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी के बगल में एक खाली कुर्सी रखकर पदभार संभाला।
यानी आतिशी दिल्ली सरकार की मनमोहन सिंह हैं और असली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने फाइल साइन करना तो दूर, दिल्ली सचिवालय जाने से भी रोक दिया है। साथ ही उन्होंने आगे ये भी कहा है की ये बाबा साहब के बनाए संविधान का मखौल है। मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ आतिशी ने ली है, खाली कुर्सी पर बैठे केजरीवाल के भूत ने नहीं।
21 सितंबर को आतिशी ने ली थी सीएम पद की शपथ
आम आदमी पार्टी (AAP) नेता आतिशी ने 21 सितंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और मंत्रिमंडल का गठन किया, जिसके बाद आज आतिशी पहली बार दिल्ली सचिवालय पहुंची और अपना पद संभाला। अरविंद केजरीवाल ने यह कहते हुए पद छोड़ा था कि अब वे तभी सीएम का दायित्व संभालेंगे जब जनता आदेश देगी। ज्ञात हो कि अगले चार महीने में दिल्ली विधानसभा के लिए चुनाव होने हैं।