अयोध्या: भगवान राम के भव्य मंदिर में दर्शन के लिए अयोध्या में पिछले डेढ़ महीने से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है, जिससे नगर निगम अधिकारियों को एक अनोखी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर प्रतिदिन लाखों जूते-चप्पल जमा हो रहे हैं, जो अब प्रशासन के लिए एक बड़ी समस्या बन गए हैं। दरअसल, क्राउड मैनेजमेंट के तहत हाल में कुछ नए नियम लागू किए गए हैं, जिनकी वजह से लोग अपने जूते-चप्पल लेने नहीं आ रहे हैं और प्रशासन को उन्हें हटाने के लिए जेसीबी मशीनों का सहारा लेना पड़ रहा है।
नए नियमों ने बढ़ाई समस्या
अयोध्या प्रशासन ने बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर के गेट नंबर 3 और अन्य गेटों से बाहर निकलने का निर्देश दिया है। हालांकि, इससे भक्तों को मंदिर के दर्शन के बाद अपने जूते-चप्पल लेने के लिए 5-6 किलोमीटर पैदल चलने की आवश्यकता पड़ रही है। इस दूरी के कारण कई श्रद्धालु अपने जूते-चप्पल वहीं छोड़कर नंगे पांव ही लौट रहे हैं, जिससे मंदिर के प्रवेश द्वार पर जूते-चप्पल का अंबार लग गया है।
जेसीबी से हटाए जा रहे जूते-चप्पल
नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार, मंदिर परिसर के गेट नंबर 3 पर प्रतिदिन लाखों जूते-चप्पल जमा हो रहे हैं। इन जूते-चप्पलों को हटाने के लिए जेसीबी मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। ट्रॉलियों में लादकर इन्हें 4-5 किलोमीटर दूर एक स्थान पर डंप किया जा रहा है। यह एक अप्रत्याशित स्थिति बन गई है और प्रशासन को इसे सुलझाने के लिए नए उपायों पर विचार करना पड़ रहा है।
महाकुंभ के कारण बढ़ी श्रद्धालुओं की संख्या
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि महाकुंभ के कारण श्रद्धालुओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। पिछले 30 दिनों में मंदिर परिसर की व्यवस्थाओं में बदलाव किए गए हैं ताकि अधिक संख्या में श्रद्धालुओं को बिना किसी अव्यवस्था के दर्शन की सुविधा मिल सके। मंदिर के दर्शन के बाद भक्तों को गेट नंबर 3 से बाहर जाने का मार्ग दिया जा रहा है, जिससे उन्हें अपनी चप्पलें लेने के लिए बहुत दूर जाना पड़ रहा है।
समस्या का समाधान: प्रशासन के प्रयास
हालांकि प्रशासन को यह स्थिति चुनौतीपूर्ण लग रही है, लेकिन वह इसे जल्द हल करने के उपायों पर काम कर रहा है। इस समस्या का समाधान निकालने के लिए प्रशासन और ट्रस्ट द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं ताकि श्रद्धालुओं को सुविधा मिल सके और जूते-चप्पलों के ढेर को हटाया जा सके।