रांची : झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य में बालू की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि और उसकी किल्लत को लेकर गंभीर चिंता जताई है। मरांडी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार, खनन माफिया, ट्रांसपोर्टर, अधिकारी और दलालों की मिलीभगत से बालू का अवैध कारोबार फल-फूल रहा है, जिसके कारण आम जनता को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है।
बालू के अवैध कारोबार पर खुला हमला
बाबूलाल मरांडी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखा। उन्होंने लिखा कि राज्य में बालू की कमी के कारण हाहाकार मचा हुआ है, और निर्माण कार्यों के लिए इस्तेमाल होने वाला बालू आम जनता की जेब से मनमाने दाम वसूल कर उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि रांची में निर्माण कार्यों के लिए मुख्यत: सिल्ली, बुंडू और सोनाहातू से बालू लाया जाता है। जबकि बालू घाट से निकलने पर इसकी कीमत करीब 5,000 रुपये होती है, रांची पहुंचने तक यह कीमत बढ़कर 45,000 रुपये तक पहुंच जाती है।
अवैध कारोबार का संगठित तंत्र
मरांडी ने बालू की कीमत में इस नौ गुना वृद्धि को एक संगठित अवैध कारोबार का नतीजा बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में लगभग 440 बालू घाटों में से केवल 31 कानूनी रूप से संचालित हैं, और बाकी अवैध रूप से चल रहे हैं। बालू घाटों पर अवैध एंट्री, परिवहन के दौरान अवैध पासिंग और ब्लैक मार्केटिंग के माध्यम से भारी रकम वसूली जा रही है, जो राज्य के खजाने के लिए नुकसानदेह है।
ED से हस्तक्षेप की मांग
बाबूलाल मरांडी ने इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) से हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय को झारखंड में चल रहे इस हजारों करोड़ रुपये के अवैध बालू कारोबार तंत्र को ध्वस्त करना चाहिए, ताकि आम जनता को सस्ती कीमत पर बालू मिल सके और राज्य को राजस्व का नुकसान न हो।