रांची: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुई आतंकी घटना पर झारखंड भाजपा अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस घटना की निंदा करते हुए मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब आतंकियों ने धर्म पूछकर, कपड़े उतरवाकर और लोगों को कलमा पढ़ने के लिए मजबूर कर उनकी हत्या की है। उन्होंने इसे ‘चरमपंथ की भयावह मिसाल’ बताया। उन्होंने कहा, मोदी सरकार में ऐसे आतंकवादियों को बख्शा नहीं जाएगा। प्रेस वार्ता में पार्टी प्रवक्ता रमाकांत महतो, विजय चौरसिया, मिसफिका हसन और योगेंद्र प्रताप सिंह भी मौजूद थे।
लोकतंत्र के लिए खतरा
उन्होंने चिंता जताई कि झारखंड में भी ऐसी ही कट्टरपंथी मानसिकता पनप रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार में कुछ मंत्री संविधान से ऊपर शरिया कानून को मानते हैं, जो लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है। बाबूलाल ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसा कहा जाता है मुसलमान कब्र में नहीं, सब्र में है। सड़क पर उतरा तो मारकाट होगी—इस तरह की सोच रखने वाले लोग आज सत्ता में बैठे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग हथियार नहीं, बल्कि बयानबाजी से हिंसा भड़काने का काम कर रहे हैं।
हिंसा और धार्मिक उन्माद का स्थान नहीं
नेता प्रतिपक्ष ने यह भी कहा कि लोकतंत्र में मुद्दों की लड़ाई लड़ने के लिए कई रास्ते हैं, लेकिन हिंसा और धार्मिक उन्माद का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। उन्होंने मांग की कि जो मंत्री संविधान से ऊपर शरिया को मानते हैं, उन्हें अविलंब मंत्रिमंडल से हटाया जाए।