रांची : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने रविवार को राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग की कि राज्य में बंद हुई विधवा पेंशन योजना को तत्काल बहाल किया जाए। मरांडी ने कहा कि एक योजना की कीमत पर दूसरी योजना को आगे बढ़ाना किसी भी हालत में न्यायसंगत नहीं है और सरकार को यह समझना होगा कि विधवा माताओं और बहनों के जीवन में पेंशन कितनी महत्वपूर्ण है।
विधवा पेंशन की अहमियत और सरकार की उपेक्षा
मरांडी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कहा कि, “हमारी विधवा माताओं और बहनों की स्थिति अब बेहद दयनीय हो गई है। इस सरकार के तहत उन्हें भारी संकट और उपेक्षा का सामना करना पड़ रहा है।” उन्होंने आगे कहा कि विधवा पेंशन, जो इन महिलाओं के जीवन का एकमात्र सहारा था, पिछले पांच-छह महीनों से बंद पड़ी है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने विधवा पेंशन के फंड का पैसा “मंईया सम्मान योजना” में ट्रांसफर कर दिया है, जिससे महिलाओं को मिलने वाली पेंशन रोक दी गई है। उन्होंने बताया कि पेंशन के बंद होने से महिलाओं की रोजमर्रा की जिंदगी और भी कठिन हो गई है। अब वे भोजन, दवाइयों और अन्य बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष कर रही हैं।
पेंशन बंद होने से बढ़ी समस्याएं
मरांडी ने यह भी कहा कि विधवा पेंशन केवल एक राशि नहीं, बल्कि यह उन महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता और सम्मान का प्रतीक है। पेंशन का बंद होना उनकी जिंदगी में कई समस्याओं का कारण बन गया है। “हेमंत सरकार को इन महिलाओं के दर्द और मुश्किलों को समझना चाहिए और उनकी स्थिति का मजाक बनाना बंद करना चाहिए,” मरांडी ने कहा।