रांची: सिरमटोली फ्लाईओवर के रैंप को लेकर जारी विवाद के बीच राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) की सदस्य डा. आशा लकड़ा ने स्पष्ट किया कि जब तक आयोग इस मामले की जांच पूरी नहीं कर लेता, तब तक न तो फ्लाईओवर का उद्घाटन किया जा सकता है और न ही निर्माण कार्य आगे बढ़ेगा। यह बयान उन्होंने मोरहाबादी स्थित आर्यभट्ट सभागार में केंद्रीय सरना समिति और जनजातीय सामाजिक संगठनों के साथ बैठक के दौरान दिया। उन्होंने कहा कि सिरमटोली स्थित केंद्रीय सरना स्थल पर फ्लाईओवर रैंप का अतिक्रमण आदिवासी समाज की आस्था और परंपरा पर चोट है। उन्होंने आदिवासी समाज से संवैधानिक ढंग से आंदोलन करने की अपील करते हुए कहा कि आयोग, आदिवासियों के अधिकारों, संस्कृति और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इसके बाद उन्होंने फ्लाईओवर का निरीक्षण भी किया।
खतियान में दर्ज है सरना स्थल
बैठक में पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा कि 150 वर्षों से सरना स्थल खतियान में दर्ज है, और यह समाज की पहचान है। वर्तमान में फ्लाईओवर के नाम पर स्थल की 10 फीट जमीन अधिग्रहित की जा चुकी है और घटिया निर्माण भी कराया गया है, जिससे हादसे की आशंका बनी हुई है। वहीं फूलचंद तिर्की ने मांग की कि फ्लाईओवर के रैंप को पूरी तरह हटाया जाए और डीपीआर में संशोधन कर उसका स्थान बदला जाए। बैठक में कई अन्य जनप्रतिनिधियों और समाज के प्रमुख लोगों ने भी अपने विचार रखे और आयोग से न्याय की मांग की।