भोपाल : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भीख मांगने और देने पर अब कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने इस संबंध में एक सख्त आदेश जारी किया है, जिसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर भीख मांगने और देने को अपराध माना जाएगा। इस आदेश का उद्देश्य शहर में ट्रैफिक समस्याओं, अपराधों और दुर्घटनाओं को रोकना है। प्रशासन ने भिक्षुकों के पुनर्वास के लिए विशेष प्रबंध भी किए हैं, ताकि उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल किया जा सके।
भीख मांगने और देने पर क्यों लगा प्रतिबंध?
भोपाल में सार्वजनिक स्थानों पर भीख मांगने को लेकर बढ़ती समस्याओं के कारण यह कदम उठाया गया है। कलेक्टर के अनुसार, ट्रैफिक सिग्नल, चौराहों, धार्मिक स्थलों और पर्यटन स्थलों पर भीख मांगने वाले लोग अक्सर यातायात में रुकावट डालते हैं, जिससे दुर्घटनाएं हो सकती हैं। इसके अलावा, इस गतिविधि के माध्यम से कई अपराधी तत्वों का संलिप्त होना भी देखा गया है। इनमें से कई लोग नशे की लत से पीड़ित हैं और कई आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाए गए हैं।
एक और बड़ी समस्या सड़क दुर्घटनाओं का खतरा है, क्योंकि भिक्षुक अक्सर ट्रैफिक सिग्नल पर गाड़ियों के बीच आकर भीख मांगते हैं। इससे दुर्घटनाओं की आशंका रहती है, जो न केवल भिक्षुक के लिए, बल्कि सामान्य नागरिकों के लिए भी खतरनाक हो सकता है। इन समस्याओं को देखते हुए प्रशासन ने भीख मांगने को एक सामाजिक बुराई मानते हुए इसे समाप्त करने का निर्णय लिया है।
भीख देने वालों पर भी होगी कार्रवाई
कलेक्टर ने यह भी स्पष्ट किया है कि केवल भीख मांगना ही नहीं, बल्कि भिक्षुकों को भीख देना या उनसे सामान खरीदना भी अपराध माना जाएगा। यदि कोई व्यक्ति भिक्षुक को पैसे, भोजन या अन्य चीजें देता है, या उनसे कोई सामान खरीदता है, तो यह भी इस आदेश का उल्लंघन होगा। ऐसे मामलों में भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
भिक्षुकों के लिए आश्रय स्थल
प्रशासन ने इस आदेश के साथ ही भिक्षुकों के पुनर्वास के लिए कदम उठाए हैं। कोलार स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक विशेष आश्रय स्थल की व्यवस्था की गई है, जिसे भिक्षुक गृह के रूप में आरक्षित किया गया है। यह आश्रय स्थल उन भिक्षुकों के लिए है जो बेघर और बेसहारा हैं। यहां उन्हें सुरक्षित ठिकाना मिलेगा और सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिलेगा।
सख्त कानूनी कार्रवाई का प्रावधान
इस आदेश का उल्लंघन करने पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर ने यह स्पष्ट किया कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा और इसे सार्वजनिक प्रचार, समाचार पत्रों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया जाएगा। उल्लंघन करने वालों पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 223 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जो सख्त दंड का प्रावधान करती है।
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