पलामू/Bank Fraud: कहा जाता है कि बैंक में आपका पैसा सुरक्षित है। लेकिन क्या वाकई में ऐसा है? यह सवाल समय-समय पर उठता है जब बैंक के ही अफसरों की मिलीभगत से लोगों के गबन के मामले सामने आते हैं। आखिर कोई क्या करे जब सुरक्षा करनेवाला ही चोर निकले। पलामू जिला अंतर्गत हुसैनाबाद थाना के दंगवार ओपी अंतर्गत दंगवार बाजार स्थित झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक की शाखा में ग्राहकों के विशेष सावधि जमा खाता, समूह के खाते के अलावा अन्य खातों से करीब छह करोड़ से अधिक की राशि गबन किए जाने का मामला सामने आया है।
Bank Fraud: विभागीय जांच में गबन का हुआ खुलासा
इस संबंध में झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक की शाखा के प्रबंधक आशीष रंजन ने हुसैनाबाद थाना में प्राथमिकी कराई है। थाना को दिए आवेदन में कहा गया है कि वरीय प्रबंधक लक्ष्मण राणा ने विभागीय जांच के दौरान छह करोड़ की राशि गबन किए जाने का खुलासा किया है। जांच में पाया गया कि तत्कालीन शाखा प्रबंधक मनोज कुमार सिंह ने 11 महिला समूहों के ऋण खातों को बिना महिलाओं की सहमति के निकासी कर ली और निकाली गई राशि को उनके बचत खाते में ट्रांसफर कर दिया। उसके बाद उस बचत खाते से राशि को निकाल लिया गया।
Bank Fraud: ग्राहकों के फर्जी खाते खोल ट्रांसफर की गई राशि
इसी तरह विशेष सावधि जमा खातों को ग्राहकों के अनुरोध किए बिना मूल रसीद के बंद कर उसी ग्राहक के नाम का का फर्जी खाता खोला। बाद में उस फर्जी खाते में राशि ट्रांसफर कर रुपये निकाल लिए गए। वहीं, कुछ विशेष सावधि जमा खातों को परिपक्वता के पहले ही बंद कर उस राशि को तीसरे व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया है। सभी लेन-देन सिस्टम में दर्ज है, मगर मूल एसटीडीआर रसीद व राशि ट्रांसफर वाउचर नहीं है।
Bank Fraud: खाताधारियों की पहचान का दुरुपयोग कर खोले खाते
थाने में दिए गए आवेदन में यह भी जिक्र किया गया है कि विशेष सावधि जमा से अवैध निकासी के लिए पूर्व शाखा प्रबंधक मनोज कुमार सिंह खाताधारी ग्राहकों की पहचान संख्या का दुरुपयोग कर उनके नाम एक बचत खाता होते हुए दूसरा फर्जी बचत खाता खोला। इन फर्जी खातों का उपयोग अवैध रूप से बंद किए गए विशेष सावधि जमा खाते की राशि को ट्रांसफर करने के लिए किया गया।
Bank Fraud: बैंक में उपलब्ध और सिस्टम में दर्ज नकदी में पाया गया भारी अंतर
जांच में पाया गया कि बचत खाता खोलने संबंधित आवेदन या कोई दस्तावेज अभिलेख संबंधित फाइल में नहीं है। जांच के दौरान 11 मार्च 2024 को शाखा में भौतिक नकद शेष और सिस्टम में दर्ज नकद राशि में भी 2,31,251 रुपए का अंतर पाया गया। इस राशि की वसूली पूर्व शाखा प्रबंधक मनोज कुमार सिंह से 30 मार्च 2024 को ही कर लिया गया है। आवेदन में कहा गया है कि अब तक प्रकाश में आए इस प्रकार के अनाधिकृत लेन देन के मामले में कुल राशि 6,03,34,245.27 है।
Bank Fraud: निलंबन से पूर्व 65 ग्राहकों को किया भुगतान
बताया गया कि निलंबन के बाद पूर्व शाखा प्रबंधक मनोज कुमार सिंह ने 65 ग्राहकों को कुल रुपया 2,18,07,939 का भुगतान किया है। साथ ही रुपया 2,48,81,002 की वसूली कर संबंधित ग्राहकों का भुगतान किया है। एसडीपीओ मुकेश कुमार महतो ने बताया कि मामले में प्राथमिकी दर्ज कर छानबीन की जा रही है। जल्द ही पूर्व शाखा प्रबंधक को गिरफ्तार किया जा सकता है।
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