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Basant Panchami 2025 : 2 या 3 फरवरी को मनाई जाएगी बसंत पंचमी, यहां जानिए सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त, महत्व और क्‍या लगाएं भोग

by Rakesh Pandey
Saraswati Puja
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फीचर डेस्क : बसंत पंचमी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो विशेष रूप से ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, यह दिन मां सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें ज्ञान, संगीत, कला और बुद्धि की देवी माना जाता है। हर साल माघ माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाने वाला यह पर्व इस बार 2 फरवरी, रविवार को पड़ेगा। इस दिन मां सरस्वती की पूजा करने से विद्यार्थियों, कलाकारों और संगीतकारों को विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।

बसंत पंचमी का महत्व और पूजा की विधि

बसंत पंचमी का पर्व विशेष रूप से ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि इसी दिन मां सरस्वती का प्रादुर्भाव हुआ था, और इस दिन को विशेष रूप से बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति के लिए पूजा जाता है। इस दिन को लेकर अनेक मान्यताएं और रिवाज भी हैं। खासकर स्कूलों और मंदिरों में इस दिन विशेष पूजा का आयोजन होता है, जिसमें लोग मां सरस्वती से शिक्षा में उन्नति और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता की कामना करते हैं।

बसंत पंचमी 2025 का शुभ मुहूर्त

बसंत पंचमी की पंचमी तिथि की शुरुआत 2 फरवरी को सुबह 9 बजकर 14 मिनट पर होगी और यह तिथि 3 फरवरी को सुबह 6 बजकर 52 मिनट पर समाप्त होगी।

मां सरस्वती की पूजा का शुभ मुहूर्त 2 फरवरी को सुबह 7 बजकर 09 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। इस दिन पूजा के लिए केवल 5 घंटे 26 मिनट का समय मिलेगा, इसलिए इस समय में पूजा करना विशेष फलदायी माना जाता है।

मां सरस्वती की पूजा ऐसे करें

बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा के लिए विशेष कुछ विधियां और उपाय बताए गए हैं, जिन्हें फॉलो करके आप इस दिन के महत्व को सही तरीके से समझ सकते हैं:

वस्त्र चयन : इस दिन पीले, सफेद या बासंती रंग के वस्त्र पहनें। काले और लाल रंग के वस्त्र पहनने से बचें।

दिशा : पूजा करते समय हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करें।

पूजा का समय : सूर्योदय के बाद का ढाई घंटे या सूर्यास्त के बाद का ढाई घंटे पूजा के लिए सर्वोत्तम माने जाते हैं।

पूजन सामग्री : पूजा के दौरान मां सरस्वती को श्वेत चंदन, पीले और सफेद फूल अर्पित करें। मिश्री, दही और लावा का प्रसाद अर्पित करें। इसके अलावा, केसर मिश्रित खीर अर्पित करना सर्वोत्तम होगा।

मंत्र जाप : पूजा के दौरान मां सरस्वती का मूल मंत्र ‘ॐ ऐं सरस्वत्यै नम:’ का जाप करें। इसके बाद पूजा में अर्पित किए गए प्रसाद को ग्रहण करें।

बसंत पंचमी के दिन करें ये खास काम

अबूझ मुहूर्त : बसंत पंचमी को अभ्यस्त मुहूर्तों में से एक माना गया है, जिसका अर्थ है कि इस दिन कोई भी शुभ कार्य बिना मुहूर्त देखे किया जा सकता है। यदि आप इस दिन नया काम शुरू करते हैं तो उसे शुभ माना जाता है।

हाथों की पूजा : हिंदू मान्यताओं के अनुसार, मां सरस्वती हमारे हथेलियों में वास करती हैं। इसलिए बसंत पंचमी के दिन सुबह उठते ही अपनी हथेलियों को देखें। इससे आपको मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त होगा और आपकी सारी मुश्किलें दूर हो सकती हैं।

दान देना : इस दिन शिक्षा से संबंधित वस्तुओं का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यदि आप इस दिन किताबें, कलम या शिक्षा से संबंधित अन्य सामग्री का दान करते हैं, तो आपको शुभ फल की प्राप्ति होगी।

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