Dumka (Jharkhand) : झारखंड के प्रसिद्ध तीर्थस्थल बाबा बासुकीनाथ धाम में सावन महीने के दूसरे सोमवार को आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला। भगवान शिव के दर्शन और जलाभिषेक के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े। देवघर स्थित बाबाधाम में जल अर्पण करने के बाद बड़ी संख्या में कांवरिया पैदल यात्रा करते हुए बासुकीनाथ पहुंचे, जिससे मंदिर परिसर 'बोल बम' और 'हर हर महादेव' के पवित्र नारों से गुंजायमान हो उठा।
तड़के तीन बजे से शुरू हुआ जलाभिषेक
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रशासन ने भक्तों की सुविधा के लिए सुबह 3 बजे से ही अरघा प्रणाली के माध्यम से जलाभिषेक की व्यवस्था शुरू कर दी। मंदिर प्रबंधन और जिला प्रशासन की टीमें लगातार भक्तों को सुचारु रूप से जल चढ़ाने में मदद कर रही हैं और व्यवस्था पर कड़ी निगरानी रख रही हैं।
Sawan Monday Jalabhishek : व्यवस्था संभालने में जुटे उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक
दुमका के उपायुक्त अभिजीत सिन्हा और पुलिस अधीक्षक पीतांबर सिंह खेरवार स्वयं मेले क्षेत्र में मौजूद रहकर भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं। कांवरिया मार्ग के सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर दंडाधिकारियों और पुलिस बल की तैनाती की गई है। श्रद्धालुओं को शिवगंगा घाट से संस्कार मंडप होते हुए व्यवस्थित तरीके से मंदिर तक पहुंचाया जा रहा है। प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए फुलप्रूफ योजना बनाई गई है।
Sawan Monday Jalabhishek : महिला श्रद्धालुओं की भी भारी भागीदारी
आज सोमवार के साथ-साथ कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि होने के कारण मंदिर में महिला श्रद्धालुओं की भी अच्छी-खासी भीड़ देखने को मिल रही है। सावन की सोमवारी भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष महत्व रखती है, और आज का दिन धार्मिक संयोग के लिहाज से अत्यंत पवित्र माना जा रहा है।
भागलपुर से भी पहुंचे गंगाजल लेकर कांवरिये
पड़ोसी राज्य बिहार के भागलपुर स्थित बरारी घाट से गंगाजल लेकर भी बड़ी संख्या में कांवरिये हंसडीहा मार्ग से होते हुए बासुकीनाथ पहुंच रहे हैं। इसके चलते बासुकीनाथ धाम में कांवरियों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है और मंदिर का पूरा प्रांगण श्रद्धा और भक्ति के रंग में रंगा नजर आ रहा है।
श्रद्धालुओं ने की प्रशासनिक व्यवस्था की सराहना
दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं ने इस बार प्रशासनिक व्यवस्था की जमकर सराहना की। उनका कहना है कि लंबी कतारों के बावजूद जलाभिषेक के दौरान भीड़ नियंत्रण और श्रद्धालुओं को मिलने वाली सुविधाएं पहले से काफी बेहतर हैं, जिससे उन्हें भगवान शिव के दर्शन करने में आसानी हो रही है।