Seraikela : झारखंड के सरायकेला की रहने वाली ओडिशी नृत्यांगना डॉ. उषा महतो को बेंगलुरु में आयोजित 116वें अंतरराष्ट्रीय नृत्य महोत्सव 2025 में पद्मिनी नृत्य रत्न सम्मान से नवाजा गया है। अपनी प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने वाली डॉ. उषा को इससे पूर्व भी कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सम्मान मिल चुका है। डॉ. उषा महतो झारखंड के एक प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पति दिनेश रंजन राज्य सरकार में अधिकारी हैं और पूर्व में सरायकेला के जिला परिवहन पदाधिकारी रह चुके हैं। वर्तमान में वे आदित्यपुर जियाडा में क्षेत्रीय उपनिदेशक के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने पत्नी की उपलब्धि पर हर्ष जताते हुए कहा कि यह सम्मान पूरे परिवार और झारखंड के लिए गर्व का विषय है।
ओडिशी नृत्य से बांधा समां
बेंगलुरु में आयोजित इस महोत्सव में देश भर के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दीं। जब मंच पर डॉ. उषा महतो ने पारंपरिक ओडिशी नृत्य प्रस्तुत किया, तो दर्शकों की तालियों ने उनके कला कौशल को सलाम किया। इसी अद्भुत प्रदर्शन के चलते उन्हें पद्मिनी नृत्य रत्न सम्मान से नवाजा गया।
पहले भी मिल चुके हैं बड़े सम्मान
डॉ. उषा को 2024 में कोलकाता में आयोजित अंतरराष्ट्रीय नृत्य महोत्सव में अंतर्राष्ट्रीय गिरधारी सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त उन्हें दिल्ली, जमशेदपुर, भुवनेश्वर और सरायकेला सहित कई मंचों पर उनकी कला के लिए सराहा गया है। उनके इस सम्मान से सरायकेला के कलाकारों, परिजनों और उनके गुरु अमिश दास ने भी खुशी जाहिर की है। झारखंड की इस बेटी की सफलता ने न केवल राज्य का नाम रोशन किया है, बल्कि ओडिशी नृत्य को भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।
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