धर्म-समाज डेस्क: भगवान श्रीराम और राम मंदिर के लिए अटूट प्रेम और भीष्म प्रतिज्ञा जैसी कहानी सामने आई है। (Bhojpali Baba) भगवान श्रीराम को अपना आराध्य मानने वाले हजारों भक्त आपने देखे होंगे। लेकिन बैतूल में एक ऐसे बाबा हैं, जिन्होंने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण होने तक शादी नहीं करने का संकल्प ले लिया था। बाबा का यह संकल्प 22 जनवरी को पूरा होने जा रहा है। बाबा को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण भी मिला है। इससे वह बहुत खुश हैं। हालांकि, उम्र निकल जाने के बाद अब वह शादी से तौबा कर चुके हैं।
Bhojpali Baba: सनातन के लिए समर्पित कर दी पूरी जिंदगी
भोजपाली बाबा (Bhojpali Baba) को कई बार उनके परिवार ने शादी करने के लिए राजी करने की कोशिश भी की, लेकिन बाबा अपने संकल्प पर कायम रहे। आज भोजपाली बाबा की उम्र 52 साल हो चुकी है और उनका यह संकल्प 31 साल बाद 22 जनवरी को पूरा होने जा रहा है। भोजपाली बाबा 31 साल से सनातन धर्म की रक्षा के लिए विभिन्न हिंदूवादी संगठनों में कर रहे हैं।
अविवाहित रहते का लिया था प्रण
दरअसल, भोजपाली बाबा ने 32 साल पहले जब वे 21 साल के थे, तब श्री राम मंदिर के भव्य निर्माण को लेकर संकल्प लिया था कि जब तक मंदिर नहीं बनेगा, तब तक वह अविवाहित रहेंगे। राम मंदिर निर्माण को लेकर उन्होंने अपना परिवार त्याग दिया और संत बन गए। अब सनातन धर्म का प्रचार कर रहे हैं और समाज सेवा कर रहे हैं। अब भोजपाली बाबा 52 साल के हो गए हैं और अयोध्या जाने की तैयारी कर रहे हैं।
भोपाल के रहने वाले हैं Bhojpali Baba
साल 1992 में 21 साल की उम्र में कार सेवकों के साथ अयोध्या गए थे, तभी से उन्होंने भव्य श्री राम मंदिर बनाने का संकल्प लिया था। दर्शन शास्त्र और एक अन्य विषय में एमए करने के साथ ही उन्होंने वकालत की पढ़ाई की है। भोजपाली बाबा का परिवार संघ की पृष्ठभूमि का है। बचपन से ही उन्होंने देश भक्ति के लिए कार्य किए हैं।
मां के निधन पर भी नहीं गए अपने घर
उनके 3 भाई और हैं। जब Bhojpali Baba ने परिवार छोड़ा तो उनकी मां ने रोकने की कोशिश की थी, पर बाबा नहीं रुके और घर से निकल गए। बाबा ने तीन बार नर्मदा परिक्रमा की है। परिक्रमा के दौरान उनकी माता जी का निधन हो गया था, पर वे अंतिम संस्कार में इसलिए शामिल नहीं हुए कि परिक्रमा अधूरी रह जाती।
विश्व हिंदू परिषद के संगठन मंत्री हैं भोजपाली बाबा
भोजपाली बाबा पिछले 10 साल से बैतूल के मिलानपुर गांव में हैं और मंदिर में पूजा-अर्चना कर रहे हैं। बाबा विश्व हिंदू परिषद के संगठन मंत्री हैं और सनातन धर्म का प्रचार कर रहे हैं। उनका मानना है कि देश मे सनातन धर्म को स्थापित करने ही अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखी गई है।
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