भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक बेटे ने अपनी बीमार मां को घर में ताले में बंद कर दिया और खुद शहर से बाहर चला गया। इस दौरान, मां भूख और प्यास से तड़पते हुए अपनी जान गवा बैठी। यह मामला शहर के निशातपुरा थाना क्षेत्र का है, जहां पुलिस ने बेटे के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है।
बीमार मां की मदद के लिए कोई नहीं था
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यह मामला 80 साल की बुजुर्ग महिला ललिता दुबे से जुड़ा हुआ है, जो अपने मानसिक रूप से कमजोर बेटे अरुण के साथ गोया कॉलोनी में रहती थीं। ललिता दुबे बहुत बीमार थीं और चलने-फिरने में सक्षम नहीं थीं, जिससे उनका अधिकांश समय बिस्तर पर ही बीतता था। ललिता की पेंशन से ही घर का खर्च चलता था। उनका बेटा अरुण मानसिक रूप से कमजोर होने के कारण अपने मां-बाप की जिम्मेदारी उठाने में सक्षम नहीं था।
बेटे ने मां को ताले में बंद कर दिया
घटना के दिन, अरुण अपनी पत्नी और बेटे के साथ उज्जैन जा रहा था, और उसने अपनी बीमार मां को घर में बंद कर दिया। दरवाजे पर ताला भी लगा दिया, ताकि कोई उसे खोल न सके। अरुण ने अपने भाई अजय को फोन करके बताया कि वह परिवार के साथ उज्जैन जा रहा है। अजय ने मां के बारे में चिंतित होकर भोपाल में अपने दोस्तों से संपर्क किया और उन्हें ललिता का हालचाल लेने के लिए भेजा। लेकिन जब तक वे वहां पहुंचे, ललिता दुबे की मौत हो चुकी थी।
मौत की असल वजह थी भूख और प्यास
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ललिता दुबे की मौत पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक भूख और प्यास के कारण हुई थी। ललिता इतनी बीमार थीं कि खुद से उठकर खाना या पानी नहीं पी सकती थीं, और 24 घंटे तक न तो खाना खाया और न ही पानी पिया, जिससे उनकी मौत हो गई। इस घटना ने न केवल पुलिस अधिकारियों को बल्कि आम लोगों को भी हिलाकर रख दिया।
बड़े बेटे ने किया अंतिम संस्कार
घटना की सूचना मिलने पर ललिता के बड़े बेटे अजय ने इंदौर से भोपाल पहुंचकर मां का अंतिम संस्कार किया। हालांकि, परिवारिक विवाद और त्रासदी का कारण बन गई इस घटना ने पूरी तरह से मानवीय मूल्यों को तार-तार कर दिया।
बेटे के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज
भोपाल पुलिस ने इस मामले में आरोपी बेटे अरुण के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धारा 304 और भरण-पोषण कानून के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि अरुण ने जानबूझकर अपनी बीमार मां को बिना किसी देखभाल के अकेला छोड़ दिया, जिससे उसकी जान चली गई। हालांकि, पुलिस के मुताबिक यह हत्या गैर इरादतन थी, क्योंकि अरुण ने अपनी मां की जान लेने का इरादा नहीं किया था, लेकिन उसकी लापरवाही के कारण यह घटना हुई।
कानूनी और सामाजिक पहलू
इस घटना ने समाज में एक गंभीर सवाल उठाया है, जिसमें यह सवाल खड़ा होता है कि क्या किसी बुजुर्ग माता-पिता को अपने बच्चों से पूरी देखभाल और सुरक्षा की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए? इस घटना से यह भी स्पष्ट हो गया कि एक जिम्मेदार नागरिक के तौर पर बच्चों का अपने बुजुर्ग माता-पिता के प्रति कर्तव्य और उत्तरदायित्व कितना महत्वपूर्ण होता है।
कानूनी दृष्टिकोण से भी यह मामला महत्वपूर्ण है, क्योंकि भरण-पोषण कानून के तहत बच्चों का अपने माता-पिता का ख्याल रखना अनिवार्य है। इस घटना में बेटे ने अपनी मां की देखभाल नहीं की, जिसके कारण उसकी जान गई। पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है और आरोपी बेटे को सजा दिलाने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है।
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