Home » जमशेदपुर में डेंगू को लेकर बड़ा निर्णय: मनमानी करने वाले पैथोलॉजी व अस्पतालों का लाइसेंस होगा रद्द

जमशेदपुर में डेंगू को लेकर बड़ा निर्णय: मनमानी करने वाले पैथोलॉजी व अस्पतालों का लाइसेंस होगा रद्द

by Rakesh Pandey
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

हेल्थ डेस्क, जमशेदपुर : झारखंड के जमशेदपुर में डेंगू कहर बरपा रहा है। इसे लेकर सिविल सर्जन कार्यालय में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस दौरान डेंगू के बढ़ते मामले पर चिंता जाहिर की गई। इसके रोकथाम को लेकर हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया गया। बैठक में तय हुआ कि जिन क्षेत्रों में डेंगू के अधिक मरीज मिल रहे हैं, वहां विशेष शिविर लगाकर अधिक से अधिक लोगों को जांच की जाए।मच्छरों को नष्ट करने के लिए एंटी लार्वा का छिड़काव किया जाये।

इसके अलावा डेंगू की जांच व इलाज में मनमानी राशि वसूलने वाले पैथोलॉजी सेंटर व अस्पतालों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए एक टीम गठित की जाएगी। सिविल सर्जन डॉ. जुझार माझी ने बताया कि नियमों का पालन नहीं करने वाले पैथोलॉजी व अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

यहां तक की उसका लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है। वहीं, बैठक में कई निजी अस्पतालों के प्रतिनिधि शामिल नहीं हुए। अगर, हुए भी तो किसी ने टेक्नीशियन को भेज दिया था तो किसी ने रिसेप्शनिस्ट को, जिसे देख अधिकारी भड़क गए। इस दौरान साकची स्थित लाइफ लाइन नर्सिंग होम, नेशनल हाइवे स्थित उमा हॉस्पिटल व डिमना रोड स्थित साकेत हॉस्पिटल सहित अन्य को शोकॉज किया गया है।

बैठक में सिविल सर्जन डॉ. जुझार माझी के अलावे एमजीएम अधीक्षक डॉ. रविंद्र कुमार, डीडीसी मनीष कुमार, एसडीओ पीयूष सिन्हा, जिला महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ. असद सहित सभी निजी अस्पतालों के प्रतिनिधि शामिल हुए। वहीं, बैठक में अनुपस्थित रहने वाले अस्पताल संचालकों को शोकाज किया गया।

इस तरह हो रही वसूली

डेंगू के खौफ से शहर जूझ रहा है। ऐसे में अगर आपको बुखार आ रही है और आप चिकित्सक के पास पहुंचते हैं तो सबसे पहले आपको कार्ड टेस्ट के साथ-साथ प्लेटलेट्स जांच कराने की सलाह दी जा रही है। इस दौरान अगर आपकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई और प्लेटलेट्स एक लाख के आस-पास आने पर तत्काल आपको भर्ती होने की सलाह दी जाती है। ऐसे में अब स्थिति यह हो गई है कि पैथोलॉजी सेंटरों में जांच कराने के लिए लंबी लाइन लग रही है। अस्पतालों में बेड मिलना मुश्किल हो गया है। चूंकि, जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं, वे बेड पकड़े हुए हैं वहीं जो जरूरतमंद हैं उन्हें बेड के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है।

मान्य नहीं है कार्ड टेस्ट

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, डेंगू जांच के लिए चिकित्सकों द्वारा कराए जा रहे कार्ड टेस्ट मान्य नहीं है। फिर भी डेंगू के नाम पर मरीजों की जांच कराई जा रही है। ऐसे में अब इसे क्या कहा जाए? शहर के पैथोलाजी सेंटर व निजी अस्पतालों में मनमानी ढंग से कार्ड टेस्ट किया जा रहा हैं। इस दौरान किसी सेंटर में 800 रुपए तो किसी में 1000 व 1200 रुपए लिए जा रहे हैं। जबकि यह टेस्ट मान्य ही नहीं है और जिस टेस्ट का उपयोग किया जा रहा है उसकी कीमत लगभग 110 रुपये होती है। ऐसे में डेंगू के नाम पर लूट मची हुई है।

रोजाना 3000 से अधिक लोग करा रहें कार्ड टेस्ट

शहर के निजी व सरकारी अस्पतालों का आंकड़ा देखा जाए तो इन दिनों सबसे अधिक मरीज बुखार व वायरल फीवर के पहुंच रहे हैं। इसमें से अधिकांश मरीजों को कार्ड टेस्ट कराने की सलाह दी जा रही है। निजी पैथोलाजी सेंटर, नर्सिंग होम व निजी अस्पतालों में रोजाना लगभग तीन हजार से अधिक मरीजों का कार्ड टेस्ट किया जा रहा है। जबकि इसकी कोई जरूरत नहीं है। इस जांच पर रोजाना लगभग 36 लाख रुपए खर्च हो रहा है।

डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग का दिशा-निर्देश

– डेंगू के इलाज के लिए कार्ड टेस्ट मान्य नहीं है। ऐसे में एलीजा जांच अनिवार्य है। इसका रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद ही डेंगू की पुष्टि की जा सकती है।
– मरीज को अगर पांच दिनों से बुखार है और उसका प्लेटलेट्स 40 हजार तक आ जाए तो उस परिस्थिति में एलीजा जांच अनिवार्य रूप से कराएं।
– मरीज का प्लेटलेट्स 10 हजार से कम हो जाए तो उस अवस्था में तत्काल प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत है।
– मरीज का प्लेटलेट्स अगर 20 हजार तक आ जाए तो चिकित्सक मरीज की स्थिति को देखते हुए निर्णय ले सकते हैं। इस दौरान प्लेटलेट्स चढ़ाई भी जा सकती है और नहीं भी।

डेंगू के 14 नए मरीज मिले

पूर्वी सिंहभूम जिले में मंगलवार को डेंगू के 14 नए मरीज मिले। अबतक कुल 4637 सैंपल की जांच में 637 लोग डेंगू पॉजिटिव पाए गए हैं। वर्तमान में 282 लोगों का इलाज शहर के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। इसमें आठ की स्थिति गंभीर बनी हुई है जिन्हें आइसीयू में भर्ती कराया गया हैं। वहीं, 274 मरीजों का इलाज सामान्य वार्डों में चल रहा है। मंगलवार को 82 मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे।

READ ALSO : रोजाना खाएं दही: फिर देखें कमाल, क्यों माना जाता पोषण तत्वों का पावर हाउस

इलाज कर रहे हैं मरीजों को मच्छरदानी में रखने का आदेश

स्वास्थ्य विभाग की बैठक में निर्देश दिया गया कि डेंगू पीड़ित मरीजों को मच्छरदानी में रखकर इलाज किया जाए। इससे बीमारी की रोकथाम में मदद मिलेगी।

Related Articles