रांची : भारत में सोने की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, और अब यह 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के आंकड़े को पार कर सकती है। इसका मुख्य कारण अमेरिका द्वारा दो अप्रैल से लागू किया जाने वाला रेसिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariff) है। इसके चलते सोने सहित कई अन्य आयातित वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना है।
92 हजार का सोना होगा 1 लाख रुपये का!
वर्तमान में धनबाद के बाजार में सोना 92,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बिक रहा है। लेकिन रेसिप्रोकल टैरिफ लागू होने के बाद इसमें 10 प्रतिशत तक की वृद्धि देखी जा सकती है, जिससे यह 1 लाख से 1.01 लाख रुपये तक पहुंच सकता है। यह आम उपभोक्ताओं के लिए चिंता का विषय बन गया है। रेसिप्रोकल टैरिफ भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अनुकूल नहीं है, क्योंकि भारत अमेरिका से बड़ी मात्रा में सोना आयात करता है। यदि यह टैरिफ लागू होता है, तो कीमतों में जबरदस्त उछाल आएगा।
हल्के गहनों की बढ़ती मांग
सोने की बढ़ती कीमतों के चलते भारी गहनों की मांग घट रही है और हल्के वजन के गहनों की लोकप्रियता बढ़ रही है।
पहले 8 से 10 ग्राम के गहने ज्यादा खरीदे जाते थे।अब 2 से 3 ग्राम के हल्के गहनों की मांग बढ़ गई है। गहनों की डिजाइनों में भी बदलाव देखा जा रहा है। धनबाद के एक प्रसिद्ध ज्वेलरी स्टोर के मैनेजर अमित कुमार का कहना है कि ग्राहकों की क्रय शक्ति को ध्यान में रखते हुए गहनों के डिजाइनों में परिवर्तन किया गया है।
क्या है रेसिप्रोकल टैरिफ?
जब एक देश किसी दूसरे देश के उत्पादों पर उतना ही टैरिफ लगाता है, जितना वह देश उसके उत्पादों पर लगाता है, तो इसे रेसिप्रोकल टैरिफ कहते हैं। उदाहरण के तौर पर यदि भारत अमेरिका से आयात होने वाले सामान पर 20% टैरिफ लगाता है, तो अमेरिका भी भारत से आने वाले सामान पर उतना ही टैरिफ लगा सकता है। भारत और अमेरिका के बीच 4.22 लाख करोड़ रुपये का व्यापार होता है, जिसमें सोना भी शामिल है। सोने की बढ़ती कीमतें आम जनता की जेब पर भारी असर डाल सकती हैं। ऐसे में निवेशकों और ग्राहकों को बाजार की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सोच-समझकर खरीदारी करने की जरूरत है।
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