पटना: खगड़िया में प्रगति यात्रा के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुरक्षा में एक बड़ी चूक देखने को मिली। समाहरणालय के सामने सुरक्षा के लिए लगाए गए बैरिकेड्स को पार करते हुए एक पति-पत्नी आपस में उलझ पड़े और जमकर नोकझोंक और धक्का-मुक्की करने लगे। इस घटना ने मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है, खासकर तब जब मुख्यमंत्री का काफिला कुछ ही मिनटों में आने वाला था।
सुरक्षा में चूक की घटना
समाहरणालय के पास मुख्यमंत्री के दौरे से कुछ ही मिनट पहले यह घटना घटी, जहां सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद लोग बैरिकेडिंग पार करने लगे। यह पूरी घटना सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गई, जिसमें पति-पत्नी के बीच जोरदार बहस और हाथापाई देखने को मिली। इस दौरान उनके आसपास अन्य लोग भी मौजूद थे, जो इस झगड़े को देख रहे थे।
ऐसी घटनाएं सुरक्षा में लापरवाही और प्रशासन की कमजोरियां उजागर करती हैं, जो मुख्यमंत्री बड़े नेता के दौरे के दौरान गंभीर हो सकती हैं। स्थानीय पुलिस और प्रशासन को इस घटना से सबक लेते हुए भविष्य में सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा करना चाहिए, ताकि ऐसी घटनाएं फिर से न हों।
मुख्यमंत्री की खगड़िया यात्रा
16 जनवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खगड़िया के प्रगति यात्रा के तीसरे चरण के तहत पहुंचे थे, जहां उन्होंने विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने खगड़िया में 400 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की शुरुआत की, जिनमें प्रमुख रूप से बागमती नदी पर बनने वाले पुल का शिलान्यास और पशु आहार कारखाने का उद्घाटन शामिल है।
मुख्यमंत्री ने महेशखूंट में 43 करोड़ रुपये की लागत से बने पशु आहार कारखाने का उद्घाटन किया, जो प्रतिदिन 300 मीट्रिक टन पशु आहार का उत्पादन करेगा। इसके अलावा, उन्होंने अलौली प्रखंड में बागमती नदी के किनारे 39 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले आरसीसी पुल का शिलान्यास किया।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने खगड़िया शहर में महिला आईटीआई कॉलेज का भी उद्घाटन किया, जिसका निर्माण 40 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है। उन्होंने बायपास सड़क के निर्माण स्थल का भी निरीक्षण किया, जिसकी लागत 39 करोड़ रुपये है। इस अवसर पर डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और पूर्व विधायक पूनम यादव भी उनके साथ मौजूद थे।
सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
हालांकि मुख्यमंत्री ने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन किया और राज्य के विकास को गति देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था में इस चूक ने पूरे दौरे को प्रभावित किया। यह घटना जिला प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा करती है। मुख्यमंत्री की यात्रा के दौरान ऐसी घटनाएं न केवल सुरक्षा की दृष्टि से खतरनाक होती हैं, बल्कि आम जनता के बीच प्रशासन के प्रति असंतोष भी पैदा कर सकती हैं।