दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में कुल 20 लाख रुपये के इनामी दो नक्सली दंपतियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें लगभग 90 जवानों की हत्या में शामिल रहा एक नक्सली भी शामिल है। पुलिस अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। आत्मसमर्पण करने वाले एक नक्सली कोसा के खिलाफ कई नक्सली घटनाओं में शामिल होने का आरोप है। इस घटना में लगभग 90 पुलिस जवान शहीद हुए थे।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिला मुख्यालय में पुलिस अधीक्षक गौरव राय तथा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने नक्सलियों की तकनीकी टीम के कमांडर छोटू मंडावी (25), छोटू की पत्नी और तकनीकी टीम की सदस्य लखमे कुंजाम (18), उप कमांडर कोसा उर्फ मासा माड़वी (39) तथा कोसा की पत्नी और पालनार एलओएस की सदस्य रही आयते मिडियामी (26) ने आत्मसमर्पण कर दिया।
नक्सली दंपतियों पर कुल 20 लाख रुपये का इनाम है। उन्होंने बताया कि नक्सलियों ने दंतेवाड़ा पुलिस द्वारा चलाये जा रहे ‘लोन वर्रादू’ (घर वापस आइए) अभियान से प्रभावित होकर तथा नक्सलियों की अमानवीय और आधारहीन विचारधारा तथा बाहरी नक्सलियों द्वारा भेदभाव से तंग आकर आत्मसमर्पण करने का फैसला किया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नक्सली कमांडर छोटू 2013 से 2015 तक डुमरीपालनार पंचायत मिलिशिया का सदस्य रहा तथा 2020 से वह बटालियन की तकनीकी टीम का कमांडर था। वह 2020 में सुकमा जिले के चिंतागुफा क्षेत्र के अंतर्गत मिनपा गांव के जंगल में हुए नक्सली हमले की घटना में शामिल था। इस घटना में 17 जवान शहीद और 15 जवान घायल हुए थे।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नक्सली छोटू की पत्नी लखमे 2021 में नक्सली संगठन में भर्ती हुई थी। वह 2022 से दक्षिण सब जोनल ब्यूरो टेक्निकल टीम की सदस्य थी। उन्होंने बताया कि नक्सली कोसा 2000 से 2001 तक बाल संघम सदस्य था तथा 2002 से 2003 तक किस्टाराम स्थानीय संगठन दस्ता (एलओएस) का सदस्य रहा। वह 2018 से कांगेर वैली में उपकमांडर था।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नक्सली कोसा 2007 में बीजापुर जिले के अंतर्गत रानीबोदली शिविर पर हमला करने की घटना में शामिल था। इस हमले में 55 जवान शहीद हुए थे। उन्होंने बताया कि कोसा क्षेत्र में कई नक्सली घटनाओं में शामिल रहा है जिसमें 88 पुलिस जवान शहीद हुए और एक नागरिक की मौत हो गयी। अधिकारियों ने बताया कि नक्सली कोसा की पत्नी आयते वर्ष 2013 से नवंबर 2022 तक पालनार एलओएस की सदस्य थी। आयते दिसंबर 2022 से संगठन छोड़कर घर में रह रही थी। वह क्षेत्र में कई नक्सली घटनाओं में शामिल रही।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नक्सली दंपतियों से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि लगातार शिविरों के निर्माण और सुरक्षा बल के अभियान से नक्सली संगठनों का आधार क्षेत्र सिमटता जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों से उनके बटालियन, डिवीजन और एरिया कमेटी स्तर के कैडर संगठन छोड़कर भाग रहे हैं। उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को प्रोत्साहन राशि के रूप में 25-25 हजार रुपये प्रदान किया गया है। यह भी बताया कि ‘लोन वर्रादू’ अभियान के तहत अब तक 157 इनामी माओवादी सहित कुल 609 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है।