पटना: बिहार सरकार ने 3 मार्च को वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया, जो कुल 3 लाख 17 हजार करोड़ रुपये का था। सरकार का दावा था कि इस बजट में प्रदेश की आधी आबादी, युवाओं, किसानों, उद्यमियों और हर वर्ग का ख्याल रखा गया है। हालांकि, विपक्षी पार्टी आरजेडी ने इस बजट को तर्कसंगत नहीं मानते हुए इसे ‘झुनझुना’ और ‘लॉलीपॉप’ जैसा बताया है। पार्टी के विधायक सरकार के खजाने की स्थिति पर सवाल उठाते हुए इसे जनता के साथ धोखा करार दे रहे हैं।
आरजेडी विधायकों का आरोप: ‘बिहार का बजट सिर्फ दिखावा’
आरजेडी विधायक मुकेश रोशन ने विधानसभा में इस बजट को ‘झुनझुना’ और ‘लॉलीपॉप’ से ज्यादा कुछ नहीं बताया। उनका कहना था कि बिहार सरकार ने जो बजट पेश किया है, उसमें महिलाओं के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए गए। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि तेजस्वी यादव ने महिलाओं के लिए ढाई हजार रुपये की आर्थिक मदद देने की मांग की थी, लेकिन इस बजट में महिलाओं के लिए कोई राशि नहीं दी गई। साथ ही, गैस सिलेंडर के दाम कम करने की मांग भी अनसुनी रह गई।
जानें किसने क्या कहा..
महिलाओं के लिए तो कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। ना ही युवाओं को रोजगार और नौकरी दी गई, जैसा कि महागठबंधन ने वादा किया था। अब सवाल यह है कि आखिर इस बजट का फायदा किसे हुआ?”- मुकेश रोशन, आरजेडी विधायक, महुआ।
आरजेडी का हमला- ‘सरकार का खजाना खाली है’
आरजेडी विधायक विजय सम्राट ने भी सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि यह बजट जनता के साथ एक धोखा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने झुनझुना और होली का लॉलीपॉप जनता को दे दिया है, लेकिन असलियत में इस बजट में कोई ठोस प्रावधान नहीं है।
“बजट को ध्यान से पढ़ेंगे तो समझ में आएगा कि इसमें कोई वास्तविक बदलाव नहीं है। सरकार ने जनता के सामने सिर्फ उम्मीदों का झुनझुना लटका दिया है।” – विजय सम्राट, आरजेडी विधायक, शेखपुरा।
‘जनता को वादा किया, लेकिन सरकार ने निभाया नहीं’
आरजेडी विधायक भाई विरेंद्र ने भी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि ‘डबल इंजन’ सरकार जनता को ठगने का काम कर रही है। उनका कहना था कि सरकार हमेशा वादे करती है, लेकिन उन वादों को पूरा नहीं करती। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि सरकार के पास पैसा कहां से आएगा, क्योंकि खजाना तो खाली है।
“किसानों, बेरोजगारों और महिलाओं के लिए सरकार ने कुछ नहीं किया है। आरक्षण के मामले में भी सरकार की लापरवाही के कारण मामला कोर्ट में पहुंच चुका है।”- भाई विरेंद्र, आरजेडी विधायक।
बजट के बाद विरोध तेज
आरजेडी विधायक लगातार सरकार पर यह आरोप लगा रहे हैं कि यह बजट सिर्फ वोट बैंक साधने के लिए पेश किया गया है, जबकि इसके पीछे कोई वास्तविक योजना नहीं है। राज्य के किसानों, बेरोजगारों और महिलाओं के लिए सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
हालांकि, सरकार ने इसे हर वर्ग के लिए विकासकारी बजट बताते हुए दावा किया कि इस बजट में राज्य के हर जरूरतमंद वर्ग की चिंता की गई है। लेकिन विपक्षी दल इस पर पूरी तरह से असहमत हैं और लगातार सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं।
क्या होगा आगे?
राज्य के आगामी विधानसभा सत्रों में इस बजट पर और भी चर्चा होने की संभावना है। विपक्षी दल सरकार की नीतियों और बजट के मुद्दे पर सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर चुके हैं। बिहार के आम जनता और विपक्षी नेताओं के बीच इस बजट को लेकर खींचतान जारी रहेगी और यह मुद्दा आगामी चुनावों तक महत्वपूर्ण बना रहेगा।