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Bihar Crime News : बिहार के गया में पैसे की उगाही कर रहे थे पुलिसकर्मी, चार सस्पेंड

एसएसपी आशीष भारती ने कहा कि “प्रशासन में भ्रष्टाचार के लिए कोई स्थान नहीं है। पुलिस विभाग में ऐसे भ्रष्ट तत्वों को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और जो भी इस तरह के कृत्यों में लिप्त पाए जाएंगे, उन्हें सजा दी जाएगी।”

by Rakesh Pandey
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गया: बिहार के गया जिले में एक बड़े मामले में पुलिसकर्मियों की रिश्वतखोरी की शिकायत सामने आई है, जिसके बाद गया के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) आशीष भारती ने तुरंत कार्रवाई की। एसएसपी ने चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया और उनके खिलाफ अनुशासनिक जांच शुरू कर दी है। ये पुलिसकर्मी महकार थाना क्षेत्र में बालू लोड ट्रैक्टर से पैसे उगाही करने में संलिप्त पाए गए थे।

मामला क्या था?

यह घटना महकार थाना क्षेत्र के कुड़वा बाजार के निकट हुई, जहां गश्ती दल द्वारा बालू लोड ट्रैक्टर वाहन से पैसे मांगे जा रहे थे। इस तरह की शिकायत मिलने के बाद एसएसपी आशीष भारती ने मामले की गंभीरता को समझते हुए इसकी जांच शुरू की। एसडीपीओ नीमचक बथानी को मामले की जांच सौंप दी गई। जांच में यह पुष्टि हुई कि महकार थाना के गश्ती दल के पुलिसकर्मी बालू लोड ट्रैक्टर के चालक से अवैध तरीके से पैसे मांग रहे थे।

सस्पेंड हुए पुलिसकर्मी

गया पुलिस द्वारा किए गए इस भ्रष्टाचार के मामले में एसएसपी ने सख्त कार्रवाई करते हुए महकार थाना के चार पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। सस्पेंड किए गए पुलिसकर्मियों में महकार थाना के सहायक अवर निरीक्षक राजेश कुमार राय, महिला सिपाही खुशबू कुमारी (सिपाही नंबर 1292), महिला सिपाही पिंकी कुमारी (सिपाही नंबर 2817), और सैप वाहन चालक संतोष कुमार शामिल हैं। इन पुलिसकर्मियों पर बालू लोड ट्रैक्टर से अवैध रूप से पैसे मांगने का आरोप है।

एसएसपी ने इन सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इसके साथ ही महकार थानाध्यक्ष से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है कि वह इस प्रकार की गतिविधियों को रोकने में असमर्थ क्यों रहे।

एसएसपी ने क्या कहा?

गया एसएसपी आशीष भारती ने इस मामले की जांच के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, “महकार थाना के गश्ती दल द्वारा बालू लोड ट्रैक्टर से पैसे मांगने की सूचना मिलने के बाद तुरंत जांच शुरू की गई। जांच में गश्ती दल के पुलिस पदाधिकारियों और कर्मचारियों का व्यवहार गलत पाया गया। इस मामले में दोषी पाए गए चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है और महकार थानाध्यक्ष से स्पष्टीकरण मांगा गया है।”

पुलिस विभाग में सतर्कता की जरूरत

यह मामला पुलिस विभाग के लिए एक चेतावनी है, जिसमें दिखाया गया है कि अगर कोई भी पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी में भ्रष्टाचार में शामिल होता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एसएसपी आशीष भारती की तत्परता ने साबित किया कि उनके प्रशासन में भ्रष्टाचार के लिए कोई स्थान नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस विभाग में ऐसे भ्रष्ट तत्वों को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और जो भी इस तरह के कृत्यों में लिप्त पाए जाएंगे, उन्हें सजा दी जाएगी।

आगे की कार्रवाई

एसएसपी के आदेश पर निलंबन के बाद पुलिसकर्मियों के खिलाफ अनुशासनिक जांच शुरू कर दी गई है। इससे पुलिस विभाग के अन्य कर्मियों के लिए यह संदेश गया है कि भ्रष्टाचार से संबंधित किसी भी मामले को हल्के में नहीं लिया जाएगा और उसे सख्ती से निपटाया जाएगा। एसएसपी के आदेश के बाद महकार थाना के थानाध्यक्ष से भी इस मामले में स्पष्टीकरण की मांग की गई है, ताकि यह पता चल सके कि इस भ्रष्टाचार में थाना स्तर पर क्या जिम्मेदारी थी और क्यों गश्ती दल के कर्मियों की ऐसी गतिविधियां सामने आईं।

यह घटना पुलिस विभाग में सुधार और सतर्कता की आवश्यकता को उजागर करती है। गया एसएसपी की कड़ी कार्रवाई ने यह साबित किया कि वे अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को ईमानदारी और पेशेवर आचरण की उच्चतम मानक पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं। भ्रष्टाचार पर सख्त नकेल कसने के लिए ऐसे कदम अनिवार्य हैं, ताकि जनता का पुलिस पर विश्वास बना रहे और कानून-व्यवस्था कायम रखी जा सके।

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