नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिहार दिवस के उपलक्ष्य में ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत स्नेह मिलन’ कार्यक्रम में बिहार की ऐतिहासिक महत्वता पर प्रकाश डाला। नड्डा ने कहा, “जहां पूर्वांचल चलता है, वहां देश चल पड़ता है। यह ऐतिहासिक सत्य है।” उन्होंने गांधी जी और जयप्रकाश नारायण के आंदोलनों का उदाहरण देते हुए बिहार को भारत के लिए विशेष महत्व देने का श्रेय दिया।
बिहार का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व
जेपी नड्डा ने बिहार की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह राज्य केवल भारत के लिए ही नहीं, बल्कि विश्व के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “बिहार से ही गांधी जी का चंपारण आंदोलन शुरू हुआ था और जयप्रकाश नारायण का आंदोलन भी यहीं से हुआ था। बिहार का विशेष महत्व है।” उन्होंने बिहार के प्राचीन विश्वविद्यालयों जैसे नालंदा और विक्रमशिला का जिक्र करते हुए कहा कि इन विश्वविद्यालयों में न केवल भारत बल्कि विश्व भर से छात्र अध्ययन करने आते थे। इसके अलावा, यह बिहार की भूमि थी जहां सम्राट अशोक ने अहिंसा के पथ पर चलने का संकल्प लिया था।
बिहार का विकास के विकास में भाजपा की भूमिका
नड्डा ने बिहार के हालिया विकास कार्यों पर भी बात की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के नेतृत्व में बिहार में कई बदलाव आए हैं, जिसमें ग्रामीण सड़कों की लंबाई में अत्यधिक वृद्धि हुई है। “2005 में बिहार में केवल 384 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें थीं, अब यह आंकड़ा 1 लाख 12 हजार किलोमीटर तक पहुँच चुका है। इसके अलावा, बिहार में एक्सप्रेस-वे और आईआईटी पटना जैसी सुविधाएं भी मोदी सरकार ने दी हैं,” नड्डा ने कहा। उन्होंने बिहार के लोगों की मेहनत और ईमानदारी की तारीफ करते हुए कहा, “बिहार की धरती पर काम करने की ताकत है, जो पूरी दुनिया में फैल चुकी है।”
दिल्ली विधानसभा चुनाव व भाजपा का योगदान
नड्डा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा, “दिल्ली में हम विनाश की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार आई और दिल्ली ने विकास की दिशा में कदम बढ़ाया।” उन्होंने कहा कि इस जीत के पीछे पूर्वांचल के लोगों का अहम योगदान है।
मनोज तिवारी ने बताई बिहार दिवस की अहमियत
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया और बिहार दिवस की अहमियत पर बात की। उन्होंने कहा, “बिहार का गठन 1912 में हुआ था, और 113 साल बीत चुके हैं। डबल इंजन सरकार ने बिहार के विकास को नई दिशा दी है। हम चाहते हैं कि जो लोग बिहार से पलायन कर गए हैं, वे मतदान के लिए वापस आएं।”

