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Bihar International Cyber Fraud Arrest : मोतिहारी में अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश, नेपाल-पाकिस्तान से जुड़ा नेटवर्क, छह गिरफ्तार

by Anand Mishra
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मोतिहारी (पूर्वी चंपारण) : जिला साइबर थाना की टीम ने पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात के निर्देश पर बड़ी कार्रवाई करते हुए सिसवा बाजार (थाना पहाड़पुर) से साइबर ठगों के एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस मामले में गिरोह से जुड़े छह साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि इस गैंग का नेटवर्क नेपाल और पाकिस्तान तक फैला हुआ है।

भारी मात्रा में डिजिटल साक्ष्य बरामद

पुलिस टीम ने आरोपियों के पास से जो सामग्री बरामद की, उससे उनके व्यापक साइबर अपराध का खुलासा हुआ है। बरामद सामानों में 10 स्मार्टफोन और 1 की-पैड फोन, 8 ATM कार्ड, 19 सिम कार्ड, 15 विभिन्न बैंकों की पासबुक और 66,400 रुपये नकद शामिल हैं। इन सबूतों के आधार पर यह पाया गया कि इन अपराधियों का कई राज्यों में नेटवर्क है और इनके खिलाफ कई शिकायतें दर्ज हैं।

गिरफ्तार अपराधियों की पहचान

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अभिमन्यु कुमार उर्फ लालू, इमामुद्दीन अंसारी, क्यामू अंसारी, सहजाद आलम, सरवर सुलतान और मनोवर आलम के रूप में हुई है। पूछताछ में आरोपियों ने नेपाल और पाकिस्तान से संचालित एक बड़े गिरोह के साथ अपनी सांठगांठ स्वीकार की है। साथ ही, इन्होंने विदेश में बैठे मास्टरमाइंड मोहम्मद इब्राहिम का नाम भी उजागर किया है।

क्रिप्टोकरेंसी के ज़रिए करोड़ों की हेराफेरी

एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि आरोपियों के पास से मिली पासबुक से यह साफ हुआ है कि उन्होंने अब तक करोड़ों रुपये की ठगी की है। ठगे गए पैसों को यह गिरोह क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करता था। ये अपराधी ‘बिमेन एप’ के जरिए राशि को यूएसडीटी (USDT) में तब्दील कर, उसे क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर यूएस डॉलर में बदल देते थे।

अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगों की गिरफ्त में मोतिहारी

यह खुलासा भारत में सक्रिय साइबर अपराध के अंतरराष्ट्रीय जाल को उजागर करता है। अब पुलिस इस मामले में गहराई से लिंकेज और नेटवर्क की जांच कर रही है ताकि इस पूरे गिरोह को जड़ से खत्म किया जा सके।

क्या है आगे की कार्रवाई?

फिलहाल पुलिस गिरफ्तार आरोपियों से गहन पूछताछ कर रही है। साथ ही, उनके डिजिटल डिवाइसेज़ की फॉरेंसिक जांच की जा रही है, जिससे यह पता चल सके कि गिरोह ने कितने लोगों को ठगा और उनका नेटवर्क किन-किन राज्यों या देशों तक फैला है।

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