Jamtara (Jharkhand)/Kolkata (West Bengal) : झारखंड से सटे पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के नलहाटी और मुरारई इलाकों में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब राज्य के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने एक आतंकवादी संगठन से कथित संलिप्तता के आरोप में दो स्थानीय युवकों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए साहेब अली खान और अजमल हुसैन के शांत और सामान्य व्यवहार को देखते हुए, उनके पड़ोसी और परिचित इस बात पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं कि वे किसी आतंकी संगठन से जुड़े हो सकते हैं। उल्लेखनीय है कि झारखंड राज्य के जामताड़ा, दुमका और पाकुड़ जिले इस जिले की पश्चिमी सीमा पर स्थित हैं।
शांत स्वभाव, साधारण पृष्ठभूमि, फिर भी आतंकी कनेक्शन
स्थानीय लोगों के अनुसार, मुरारई के चापड़ा गांव का रहने वाला साहेब अली खान पेशे से वाहन चालक है। उसका परिवार बेहद साधारण है, जो अपनी मां सकीना बीबी, दो बहनों और एक भाई के साथ एक छोटे से मिट्टी के घर में रहता है। सकीना बीबी अपने बेटे के बारे में कहती हैं, “मेरा बेटा तो कभी किसी से ऊंची आवाज में बात भी नहीं करता। वह बहुत ही शांत और विनम्र स्वभाव का है।” हालांकि, एसटीएफ ने उसके घर से एक पेन ड्राइव और कुछ धार्मिक पुस्तकें बरामद की हैं, जिनकी जांच की जा रही है।
दूसरा आरोपित, अजमल हुसैन, नलहाटी का निवासी है और इलाके में एक झोलाछाप डॉक्टर के तौर पर जाना जाता है। स्थानीय लोग उसे जरूरतमंदों की मदद करने वाले व्यक्ति के रूप में जानते हैं। उसके पिता जॉर्जिस मंडल ने बताया कि अजमल को मुरारई के शाह इमाम नामक एक मौलवी कुछ धार्मिक पुस्तकें दिया करते थे, जो बांग्लादेश के प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित थीं। एसटीएफ ने अजमल के घर से एक लैपटॉप और कई संदिग्ध धार्मिक किताबें जब्त की हैं।
जमात-उल-मुजाहिदीन से जुड़े तार
एसटीएफ सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए दोनों युवक भारत में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन (जेएमबी) से जुड़े हुए थे। यह संगठन युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा से प्रभावित कर उन्हें देश विरोधी गतिविधियों में शामिल करने के लिए कुख्यात है। इन युवकों पर आरोप है कि वे मुस्लिम युवाओं का ‘ब्रेनवॉश’ कर उन्हें संगठन में भर्ती करते थे और देश के प्रमुख स्थानों तथा महत्वपूर्ण व्यक्तियों पर हमले की साजिश रच रहे थे। सूत्रों के मुताबिक, इनकी गतिविधियां पूरी तरह से एन्क्रिप्टेड माध्यमों से संचालित होती थीं और इनका मुख्य मकसद भारत में ‘ग़ाज़ातुल हिंद’ की विचारधारा को स्थापित करना था।
न्यायिक हिरासत और पुलिस रिमांड की मांग
गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को दोनों आरोपियों को स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस ने शनिवार को एक बार फिर अदालत में पेश कर दोनों आरोपियों की 14 दिन की पुलिस हिरासत की मांग की है, ताकि उनसे गहन पूछताछ की जा सके और उनके नेटवर्क का पता लगाया जा सके। इस घटना ने बीरभूम जैसे शांत इलाके में आतंकी संगठनों की पैठ को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।