Jamshedpur News : भारतीय जनसंघ के संस्थापक और प्रखर राष्ट्रवादी डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 72वीं पुण्यतिथि को भारतीय जनता पार्टी जमशेदपुर इकाई ने सोमवार को बलिदान दिवस के रूप में श्रद्धापूर्वक मनाया। साकची स्थित भाजपा जिला कार्यालय में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने डॉ मुखर्जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया।
महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश मंत्री नंदजी प्रसाद, पूर्व जिलाध्यक्ष, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सहित अन्य कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए। सभी ने डॉ मुखर्जी के राष्ट्र के लिए किए गए बलिदान को याद किया और उनके विचारों पर चलने का संकल्प दोहराया।
इस अवसर पर सुधांशु ओझा ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने एक देश में दो संविधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलने देंगे का नारा देकर राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए जो बीजारोपण किया, वह आज हमारे लिए प्रेरणास्त्रोत है। उन्होंने ही धारा 370 और 35ए को हटाने की भावना को जन्म दिया था, जो वर्षों बाद साकार हुआ। डॉ मुखर्जी सिद्धांतों के पथिक थे, जिन्होंने पद की लालसा नहीं रखी बल्कि देश सेवा को ही अपना लक्ष्य माना।
कार्यक्रम के दौरान कार्यकर्ताओं ने ‘डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी अमर रहें’, ‘जहां हुए बलिदान मुखर्जी, वह कश्मीर हमारा है’ और ‘भारत माता की जय’ जैसे नारे लगाकर अपनी भावनाएं प्रकट कीं।
मंडल और बूथ स्तर तक हुआ आयोजन
जमशेदपुर महानगर के अंतर्गत आने वाले सभी 28 मंडलों में भी मंडल अध्यक्षों के नेतृत्व में बलिदान दिवस मनाया गया। मंडल कार्यालयों एवं संबंधित बूथों पर कार्यकर्ताओं ने डॉ मुखर्जी के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किए और उनके आदर्शों को आत्मसात करने का संकल्प लिया।
जिला कार्यालय में प्रमुख नेता रहे उपस्थित
जिला कार्यालय में हुए कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश मंत्री नंदजी प्रसाद, पूर्व जिलाध्यक्ष देवेंद्र सिंह, दिनेश कुमार, राजेश कुमार शुक्ल, मिथिलेश सिंह यादव, नीरज सिंह, जटाशंकर पांडेय, रमेश हांसदा, संजीव सिन्हा, रेणु शर्मा, बबुआ सिंह, संजीव सिंह, अनिल मोदी, पप्पू सिंह, कृष्णा शर्मा काली, सुबोध झा, प्रेम झा, बिनोद सिंह, अखिल सिंह, अमित सिंह, नीतीश कुशवाहा, रमेश बास्के, सागर राय, पवन अग्रवाल, अप्पा राव, रविन्द्र सिंह सिसोदिया, हरे राम यादव, चिंटू सिंह, अनूप सिंह, रामप्रसाद जायसवाल और दीपक मुखर्जी समेत अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे।