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Prayagraj : प्रयागराज में भाजपा नेता की पिटाई के मामले में तीन दारोगा सहित कई पुलिसकर्मी सस्पेंड

by Rakesh Pandey
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प्रयागराज : प्रयागराज में भाजपा नेता की पिटाई के मामले ने तूल पकड़ लिया है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने इस मामले में कार्रवाई की है। प्रयागराज के झूंसी थाने में भाजपा नेता मनोज पासी ने थानेदार और पुलिसकर्मियों द्वारा जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल किए जाने और मारपीट का आरोप लगाते हुए, जबरदस्त हंगामा किया था। इस हंगामे में भाजपा के कई नेताओं सहित कई कार्यकर्ता भी शामिल थे। घटना के बाद तीन दरोगा सहित कई पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया।

समर्थन में थाने पहुंचे कई नेता

प्रयागराज के झूंसी थाने में भाजपा के अनुसूचित मोर्चा के प्रदेश सह कोषाध्यक्ष मनोज पासी ने थानाध्यक्ष समेत कई पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाए। उनका आरोप था कि पुलिसकर्मियों ने उनके लिए जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया। उनके साथ मारपीट भी की गई। उन्होंने अपने शरीर पर मारपीट के कई निशान भी दिखाए। इसके बाद कई भाजपा नेता और कार्यकर्ता उनके उनके समर्थन में थाना पहुंचे और विरोध में जमकर हंगामा किया। थाने में हंगामा करने वाले नेताओं में एमएलसी सुरेंद्र चौधरी, विधायक दीपक पटेल, महापौर गणेश केसरवानी भी शामिल थे।

ये पुलिसकर्मी किए गए निलंबित

भाजपा नेता मनोज पासी के समर्थन में थाने पहुंचे भाजपा नेताओं, कार्यकर्ताओं की यह मांग थी कि थानाध्यक्ष और मारपीट में शामिल अन्य पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जाए और उन पर मुकदमा दर्ज किया जाए। रात करीब 9 बजे डीसीपी अभिषेक भारती थाना पहुंचे और उन्होंने पीड़ित नेता तथा अन्य कार्यकर्ताओं से बातचीत करके मामले की जानकारी प्राप्त की। इसके बाद दारोगा संतोष सिंह, जय नारायण और श्रीराम यादव सहित हेड कांस्टेबल पारस यादव को निलंबित कर दिया गया।

क्या है पूरा मामला

यह पूरा मामला एक बाउंड्री वॉल को बनाने से लेकर जुड़ा है। भाजपा नेता मनोज पासी के छोटे भाई अपनी जमीन पर एक बाउंड्री का निर्माण करवा रहे थे। इसी बीच जमीन पर अपना दावा करते हुए, रामा (रहिमापुर निवासी) ने झूंसी थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराते हुए बाउंड्री निर्माण का कार्य बंद करवा दिया था। भाजपा नेता का आरोप है कि इसी मामले में पुलिस ने फोन पर उन्हें अपशब्द कहे। इसके विरोध में वह बुधवार को झूंसी थाने गए थे और वहां अपना विरोध प्रकट करते हुए और जमीन पर बैठ गए थे। उनका आरोप है कि इसी बीच थानाध्यक्ष और कुछ पुलिसकर्मियों ने उनके लिए जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया और उनके साथ मारपीट भी की।

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