सेंट्रल डेस्क। यूट्यूबर और बीजेपी नेता मनीष कश्यप ने लोकसभा चुनाव से पहले ही बीजेपी से बगावत कर दी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 30 मई को बिहार के विक्रमगंज में होने वाली रैली को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। मनीष कश्यप ने एक वीडियो जारी कर लोगों से अपील की है कि वे इस रैली में हिस्सा न लें। उन्होंने कहा कि “मोदी जी की एक रैली बिहार में फ्लॉप होना बहुत जरूरी है, तभी जाकर हमारी समस्याएं प्रधानमंत्री तक पहुंचेंगी।”
मनीष कश्यप ने क्यों की पीएम मोदी की रैली का विरोध?
मनीष कश्यप का कहना है कि जब रैली में भीड़ नहीं पहुंचेगी तो बीजेपी नेताओं से सवाल पूछे जाएंगे और बिहार की असली समस्याएं पीएम मोदी तक पहुंचेंगी। उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि चाहे कोई कितना भी पैसे का लालच दे या बस भेजकर बुलाए, लेकिन रैली में न जाएं।
जबतक समस्या का हल न मिले, रैली में मत जाइए- मनीष
बीजेपी का कोई नेता रैली में बुलाने आए तो उससे पूछें कि आपकी समस्या का हल कब होगा। जब तक हल न मिले, रैली में मत जाइए।
“बिहार में ही होती हैं मोदी की सबसे बड़ी रैलियां”- कश्यप
मनीष कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की अब तक की टॉप टेन रैलियों में से अधिकतर बिहार में हुई हैं, जबकि वे खुद गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि बिहार में इतनी भीड़ क्यों जुटती है, जबकि समस्याएं जस की तस बनी रहती हैं। कहा जा रहा है कि विक्रमगंज की रैली में 5 लाख लोग आएंगे, लेकिन अगर रैली फ्लॉप हो गई तो पीएम को बिहार की हकीकत का पता चलेगा।
“बीजेपी नेताओं की कोई हैसियत नहीं” – मनीष कश्यप
मनीष कश्यप ने बीजेपी नेताओं की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बिहार में बीजेपी विधायकों की कोई औकात नहीं है। “आरजेडी विधायक फोन करें तो IGIMS में बेड मिल जाता है, लेकिन बीजेपी विधायक फोन करें तो कोई असर नहीं होता।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी विधायक टेंडर मुस्लिम ठेकेदारों को देते हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि हिन्दू वोटर तो उन्हें वोट देंगे ही।
बीजेपी से क्यों हुए अलग?
मनीष कश्यप लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले बीजेपी में शामिल हुए थे और पार्टी ने उन्हें झारखंड समेत कई राज्यों में प्रचारक के रूप में इस्तेमाल किया था। लेकिन अब विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने पार्टी से दूरी बना ली है।
हाल ही में पटना के PMCH अस्पताल में एक मरीज की पैरवी करने पहुंचे मनीष कश्यप की पिटाई कर दी गई थी। उन्होंने अस्पताल के डॉक्टरों पर मारपीट का आरोप लगाया था। इसके बाद से ही उन्होंने बीजेपी से नाराजगी के संकेत देने शुरू कर दिए थे।