रांची : बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने एक बार फिर झारखंड सरकार पर हमला बोला है। वहीं सोशल मीडिया फेसबुक पर पोस्ट किया है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि पिछले छह महीनों से झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) अध्यक्ष के बिना कार्य कर रहा है। जिससे राज्य के हजारों मेधावी छात्रों का भविष्य अंधेरे में है। जिन छात्रों ने अपने सपनों को साकार करने के लिए कठिन परिश्रम किया था, उनके लिए अब परीक्षा परिणाम, चयन प्रक्रिया और सरकार के अगले कदम का कोई पता नहीं है। पूरी प्रक्रिया ठप पड़ी है और छात्रों के सामने सिर्फ असमंजस, इंतजार और अनिश्चितता है।
युवाओं के भविष्य पर संकट
जेपीएससी के अध्यक्ष के बिना आयोग का कामकाज रुका हुआ है और इससे राज्य के युवाओं के भविष्य पर गहरा संकट आ गया है। पिछले कुछ महीनों से परीक्षा परिणामों का इंतजार करने वाले उम्मीदवारों को न तो परिणामों के बारे में कोई जानकारी मिल रही है, न ही आगे की प्रक्रिया के बारे में कोई स्पष्टत जानकारी। इसके चलते युवा बेरोजगारों के मन में निराशा और आक्रोश की लहर है।
राज्य सरकार की बेरुखी ने लाखों युवाओं की मेहनत पर पानी फेर दिया है। जिस समय युवाओं को उनके सपनों को पूरा करने का मौका मिलना चाहिए था, उस समय राज्य सरकार की लापरवाही ने उन्हें असमंजस में डाल दिया है। जेपीएससी अध्यक्ष की नियुक्ति न होने से आयोग की कार्यशैली प्रभावित हुई है और इससे परीक्षा परिणामों के विलंब के साथ-साथ आगामी चयन प्रक्रिया भी ठप पड़ी है।
मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग
संगठनों और छात्रों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपील की है कि वे इस मामले में शीघ्र हस्तक्षेप करें और युवाओं के भविष्य को पटरी पर लाने के लिए तुरंत जेपीएससी अध्यक्ष की नियुक्ति करें। उनका मानना है कि मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई से ही यह मामला सुलझ सकता है और लाखों युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकते हैं।
अधर में लटका युवाओं का भविष्य
छात्रों और उनके परिवारों के लिए यह स्थिति गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है। बेरोजगार युवाओं का भविष्य अधर में लटका हुआ है और राज्य सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस मुद्दे पर क्या कदम उठाते हैं और क्या जल्द ही जेपीएससी अध्यक्ष की नियुक्ति की जाती है, जिससे युवाओं की समस्याओं का समाधान हो सके।