रामगढ़ : झारखंड के रामगढ़ जिले स्थित सीसीएल कोलियरी सिरका में शनिवार दोपहर लगभग 2 बजे हुए ब्लास्टिंग के बाद चाणक गांव में अफरा-तफरी मच गई। खुली खदान में ब्लास्टिंग के बाद उड़ते पत्थरों के टुकड़े गांव के कई हिस्सों में गिरे, जिससे ग्रामीणों में भय और रोष का माहौल बन गया। हादसे के बाद कोलियरी में उत्पादन कार्य तीन घंटे तक बंद रहा।
ब्लास्टिंग के बाद मची भगदड़, बच्चों की जान बाल-बाल बची
चाणक गांव के निवासियों के अनुसार, तीन से चार स्थानों पर ब्लास्टिंग से उड़े पत्थर गिरे। एक पत्थर का टुकड़ा एक घर के बाहर रखे 10 फीट के एस्वेस्टर शीट पर गिरा, जिससे वह क्षतिग्रस्त हो गया। इस दौरान बाहर खेल रहे दो बच्चे भी इन पत्थरों की चपेट में आने से बाल-बाल बचे। लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने पर मजबूर हो गए।
प्रबंधन की लापरवाही पर फूटा ग्रामीणों का गुस्सा
ब्लास्टिंग की जानकारी मिलते ही अंडर मैनेजर, ब्लास्टिंग सुपरवाइजर और सुरक्षा कर्मी गांव पहुंचे और क्षति का जायजा लिया। ग्रामीणों ने नाराजगी जताई कि आए दिन खदान से हो रही ब्लास्टिंग उनकी जान के लिए खतरा बनती जा रही है। ग्रामीण सबिता देवी ने बताया, “ब्लास्टिंग के कुछ ही क्षणों बाद पत्थर का एक टुकड़ा मेरे घर के सामने गिरा। आसपास के कई घरों पर भी पत्थरों की बारिश हुई।
लगातार खतरनाक होती जा रही है खदान की नजदीकी
स्थानीय लोगों के अनुसार, खुली खदान धीरे-धीरे चाणक गांव के करीब आती जा रही है, जिससे ब्लास्टिंग की तीव्रता और प्रभाव बढ़ गया है। अब यह गांव प्रत्यक्ष रूप से खतरे की जद में आ गया है। बावजूद इसके, प्रबंधन की ओर से पुनर्वास या स्थायी समाधान की कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है।
विस्थापन और सुरक्षा की मांग को लेकर ग्रामीणों का विरोध
घटना के बाद चाणक गांव के ग्रामीणों ने सिरका कार्यालय के पीओ और अधिकारियों से मिलकर अपनी शिकायत दर्ज कराई। ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ है। लोगों का कहना है कि कोलियरी प्रबंधन केवल घटना के बाद भरोसा दिलाकर टालमटोल करता है, लेकिन स्थायी समाधान नहीं करता।