मुंबई: टीवी की ‘प्रेरणा’ और मशहूर एक्ट्रेस श्वेता तिवारी को बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक पुराने मामले में राहत दी है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने अभिनेत्री को फर्जी ब्रिटिश वीजा हासिल करने के आरोपों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने की याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी है। सुनवाई के दौरान पुलिस की ओर से पेश अतिरिक्त लोक अभियोजक एमएच म्हात्रे ने 17 दिसंबर, 2024 की जांच रिपोर्ट पेश की।
मामले को आगे बढ़ाने के सबूत अपर्याप्त: जांच रिपोर्ट
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि पुलिस ने बांद्रा में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट के समक्ष “ए-समरी रिपोर्ट” प्रस्तुत की थी। इस रिपोर्ट से यह पता चलता है कि अभियुक्त के खिलाफ मामले को आगे बढ़ाने के लिए अपर्याप्त सबूत हैं। इस घटनाक्रम के बाद श्वेता तिवारी के वकील एस पुरोहित और चावला पाटिल ने याचिका को वापस लेने के लिए अदालत की अनुमति मांगी थी।
श्वेता तिवारी के पूर्व पति ने दी जांच रिपोर्ट को चुनौती
इस बीच, श्वेता तिवारी के पूर्व पति अभिनव कोहली व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश हुए और जांच के निष्कर्षों को चुनौती देते हुए अदालत को सूचित किया कि वे प्रोटेस्ट पिटीशन दायर करने जा रहे है। हालांकि अदालत ने याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी, लेकिन स्पष्ट किया कि यदि आवश्यक हो तो दोनों पक्ष आगे कानूनी उपाय का सराहा लेने के लिए स्वतंत्र हैं। इसने याचिका से संबंधित सभी अंतरिम और अस्थायी आदेशों को भी भंग कर दिया।
याचिका की सुनवाई के दौरान जस्टिस सारंग कोतवाल और डॉ नीला गोखले की बेंच ने कहा कि याचिका को वापस लेने की अनुमति दी जाती है। हालांकि, यह स्पष्ट किया जाता है कि दोनों पक्ष कानून के अनुसार उचित कानूनी कार्यवाही शुरू करने के लिए स्वतंत्र हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, श्वेता तिवारी के खिलाफ जालसाजी और धोखाधड़ी का मामला उनके पूर्व पति अभिनव कोहली ने खुद किया था।
गौरतलब है कि श्वेता तिवारी और अभिनव कोहली ने 2013 में शादी की थी, लेकिन उनके बेटे के जन्म के तुरंत बाद दोनों के रिश्तों में खटास आनी शुरू हो गई। दोनों ओर से बेटे की कस्टडी के लिए लंबी लड़ाई लड़ी गई।