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छतीसगढ़ में पत्रकार के परिवार के तीन सदस्यों की निर्मम हत्या, जानिए इसके पीछे की वजह

by Anurag Ranjan
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सेंट्रल डेस्क: छतीसगढ़ के सूरजपुर जिले में शुक्रवार को संपत्ति विवाद की वजह से एक प्रतिष्ठित न्यूज चैनल के पत्रकार के परिवार के सदस्यों की निर्मम हत्या कर देने का मामला प्रकाश में आया है। मृतकों में पत्रकार संतोष के माता-पिता और भाई शामिल हैं।

घटना जगन्नाथपुर के खरगवा थाना क्षेत्र में दोपहर करीब एक बजे तब हुई जब संतोष के माता-पिता खेत में काम कर रहे थे। पुलिस के अनुसार, संतोष के परिवार और उनके रिश्तेदारों के बीच संपत्ति को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। सामूहिक कत्ल की इस वारदात से पूरे इलाके में सनसनी मच गई।

धारदार हथियार से किया हमला

शुक्रवार को पुस्तैनी जमीन पर खेती को लेकर एक ही परिवार के दो पक्षों में विवाद हो गया। उमेश टोपो, नरेश टोपो, मां बसंती टोपो और पिता माघे टोपो के साथ विवादित जमीन पर खेती करने पहुंचे। तभी दोपहर करीब एक बजे माघे टोपो के भाई के परिवार के 6-7 लोग भी वहां पहुंच गए। थोड़ी ही देर में दोनों पक्षों में विवाद हिंसक झड़प में बदल गया। दूसरे पक्ष ने माघे टोपो के परिवार पर कुल्हाड़ी और लाठी से हमला कर दिया। सिर में गंभीर चोट लगने से बसंती टोपो और नरेश टोपो की मौके पर ही मौत हो गई। साथ ही माघे टोपो भी गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

जमीन विवाद बना कारण

हमले के दौरान माघे के दूसरे बेटे उमेश टोपो ने भागकर अपनी जान बचाई और ग्रामीणों को इसकी सूचना दी। घटना की सूचना मिलने पर खरगवा पुलिस स्टेशन की टीम मौके पर पहुंची और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस ने संतोष के चाचा और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापा मार रही है।

विवादित जमीन जिसे लेकर यह वारदात हुआ वह जगन्नाथपुर कोयला खदान के सामने है। जिस जमीन को लेकर ये झगड़ा हुआ, उस जमीन पर पहले हमलावर परिवार खेती करता था। हालांकि, मामला लंबे समय से एसडीएम कोर्ट प्रतापपुर में लंबित था। कोर्ट ने मृतक परिवार के पक्ष में फैसला दिया। फैसले के बाद पीड़ित परिवार खेती करने गया और इसी दौरान आरोपियों ने हमला कर दिया।

पत्रकार मुकेश चंद्राकर की भी हुई थी हत्या

गौरतलब है कि इन दिनों छत्तीसगढ़ वारदातों को लेकर खासे चर्चा में है। बीजापुर में एक जनवरी को पत्रकार मुकेश चंद्राकर की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। उनका शव तीन जनवरी को एक ठेकेदार के ठिकाने से सेप्टिक टैंक से बरामद किया गया था। मुकेश ने एक सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार को उजागर किया था। वो एक जनवरी से लापता थे।

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