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Bullet Train: मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना का सूरत में ‘मेक इन इंडिया’ स्टील ब्रिज तैयार

by Mujtaba Haider Rizvi
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अहमदाबाद : मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना (Mumbai-Ahmedabad Bullet Train Project) के तहत नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) ने गुजरात के सूरत में चार रेलवे ट्रैक के ऊपर 100 मीटर लंबे ‘मेक इन इंडिया’ स्टील ब्रिज (Steel Bridge) का निर्माण सफलतापूर्वक पूरा किया। इस ब्रिज का निर्माण पश्चिमी रेलवे (Western Railway) के दो ट्रैक और किम-सायन के बीच स्थित दो डीएफसीसीआईएल (Dedicated Freight Corridor Corporation of India Limited) ट्रैक को जोड़ने के लिए किया गया है।

स्टील ब्रिज डिज़ाइन की खासियत

इस ब्रिज में दो स्पैन (Span) हैं, जिनमें से एक 100 मीटर लंबा और दूसरा 60 मीटर लंबा है। यह ब्रिज मानक गेज (Standard Gauge) रेल ट्रैक की सुविधा प्रदान करेगा। इस महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना के तहत चार प्रमुख ट्रैक और एक सिंचाई नहर (Irrigation Canal) को पार किया गया है।100 मीटर स्पैन वाले इस ब्रिज का निर्माण 28 जनवरी 2025 से 5 फरवरी 2025 के बीच पूरा किया गया। इसके अलावा, 60 मीटर स्पैन का निर्माण सिंचाई नहर के ऊपर ट्रैक के पास किया गया।

हाफ ऑटोमेटिक जैक के जरिए ट्रैक पर खींचा गया ब्रिज

100 मीटर लंबे और 1432 मीट्रिक टन वजनी इस स्टील ब्रिज के निर्माण के लिए 84 मीटर लंबे और 525 मीट्रिक टन वजनी लॉन्चिंग नोज़ (Launching Nose) का उपयोग किया गया। यह 14.3 मीटर चौड़ा ब्रिज, भुज में स्थित आरडीएसओ (RDSO) द्वारा अनुमोदित कार्यशाला में तैयार किया गया और इंस्टॉलेशन के लिए सड़क मार्ग से साइट पर लाया गया। ब्रिज को जमीन से 14.5 मीटर की ऊंचाई पर अस्थायी संरचना पर जोड़ा गया। 50 मिमी व्यास वाले मैक-लॉय बार और 250 टन क्षमता वाले दो अर्ध-स्वचालित जैक के माध्यम से इसे ट्रैक पर खींचा गया।

उच्च तकनीक का इस्तेमाल कर बनाया गया ब्रिज

100 मीटर स्पैन की असेंबली में लगभग 60,000 टोर-शियर टाइप हाई स्ट्रेंथ (TTHS) बोल्ट का उपयोग किया गया है, जो 100 साल की जीवन अवधि के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। इस ब्रिज को C5 सिस्टम पेंटिंग से पेंट किया गया और इलास्टोमेरिक बियरिंग (Elastomeric Bearing) पर रखा गया है।ब्रिज बनाने के लिए लिया गया था ट्रैफिक ब्लॉकब्रिज की लॉन्चिंग के दौरान पश्चिमी रेलवे और डीएफसीसीआईएल ट्रैक पर ट्रैफिक ब्लॉक लिया गया। ट्रैफिक ब्लॉक को चरणबद्ध तरीके से किया गया ताकि नियमित ट्रेन और माल ढुलाई सेवाओं पर न्यूनतम प्रभाव पड़े।’मेक इन इंडिया’ की उपलब्धियांइस परियोजना में जापानी विशेषज्ञता (Japanese Expertise) का उपयोग करते हुए, भारत ने ‘मेक इन इंडिया’ (Make in India) पहल के तहत अपने संसाधनों का व्यापक उपयोग किया। यह ब्रिज इस दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

बनाए जाने हैं 17 स्टील ब्रिज

सूरत में निर्मित यह ब्रिज इस मार्ग पर नियोजित 17 स्टील ब्रिजों में से छठा है। इससे पहले, सूरत, आणंद, वडोदरा, सिलवासा, और वडोदरा में पांच स्टील ब्रिज पूरे किए जा चुके हैं।मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत सूरत में निर्मित यह स्टील ब्रिज भारतीय रेलवे के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत किया गया यह निर्माण न केवल भारत की इंजीनियरिंग क्षमता को दर्शाता है, बल्कि भविष्य में हाई-स्पीड रेल नेटवर्क के विकास के लिए मजबूत नींव भी प्रदान करता है।

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