RANCHI (JHARKHAND): झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता बंधु तिर्की ने नगड़ी मौजा में रिम्स-2 के निर्माण के लिए की जा रही खेती योग्य खतियानी जमीन के अधिग्रहण का विरोध किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इसका खामियाजा आदिवासियों को विस्थापित कर चुकाना स्वीकार्य नहीं होगा। उन्होंने कहा कि नगड़ी के ग्रामीण और रैयत अपनी खेती योग्य जमीन पर पूरी तरह निर्भर हैं। वहां की कृषि भूमि आबादी के अनुपात में पहले से ही कम है। ऐसे में रिम्स-2 जैसी परियोजना के लिए इस जमीन का अधिग्रहण सामाजिक और आर्थिक अन्याय होगा। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री को सलाह दी कि वे रांची या झारखंड में किसी वैकल्पिक उपयुक्त सरकारी भूमि का चयन करें।
पलायन नहीं करेगा आदिवासी समाज
उन्होंने कहा कि अब आदिवासी समाज बार-बार विस्थापन और पलायन के लिए मजबूर नहीं होगा। राज्य में पहले भी विकास और खनन के नाम पर आदिवासियों को उनकी जमीन से बेदखल किया गया है, लेकिन अब अबुआ राज में ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।
बंधु तिर्की ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात का हवाला देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जनता की भावनाओं को समझते हैं और उन्हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री जनभावनाओं के अनुरूप फैसला लेंगे। उन्होंने रिम्स-2 के लिए सरकारी जमीन के झूठे प्रचार पर भी नाराजगी जाहिर की और चेताया कि यदि जमीन अधिग्रहण की कोशिश की गई तो नगड़ी में एक और जन आंदोलन खड़ा होगा। उन्होंने दो टूक कहा कि जब तक वह जीवित हैं, तब तक नगड़ी की खेती योग्य जमीन लूटने नहीं दी जाएगी और जरूरत पड़ी तो पूरे झारखंड से ग्रामीण नगड़ी में जुटकर उलगुलान करेंगे।