बिजनेस डेस्क: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बीओआई (Bureau of Immigration) से कहा है कि वह बायजू के संस्थापक बायजू रवींद्रन (Byju Crisis) के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करे। मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है। केंद्रीय एजेंसी ने बीओआई को बायजू के मुखिया के खिलाफ ताजा एलओसी जारी कर यह सुनिश्चित करने को कहा था कि वे देश छोड़कर न जाएं।
बायजू मुखिया के खिलाफ ईडी कोच्चि कार्यालय के कहने पर डेढ़ साल पहले भी एलओसी ऑन इंटीमेशन जारी किया गया था। बाद में इस जांच को बेंगलुरु दफ्तर स्थानांतरित कर दिया गया था। एलओसी ‘ऑन इंटीमेशन’ के तहत आव्रजन अधिकारी जांच एजेंसी को सूचित करते हैं कि संबंधित व्यक्ति विदेश जा रहा है, लेकिन व्यक्ति को देश छोड़ने से नहीं रोका जा रहा है।
ईडी का बेंगलुरु कार्यालय कर रहा मामले की जांच
मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के अनुसार, ईडी का बेंगलुरु कार्यालय, जो कथित विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) की जांच कर रहा है। जांच के दौरान यह विचार किया गया है कि बायजू रवींद्रन के विरुद्ध एलओसी जारी किए जाने की आवश्यकता है, ताकि उन्हें उन्हें देश छोड़ने से रोका जा सके।
केंद्रीय एजेंसी ने बीओआई को बायजू के मुखिया के खिलाफ ताजा एलओसी जारी कर यह सुनिश्चित करने को कहा था कि वे देश छोड़कर न जाएं। बायजू मुखिया के खिलाफ ईडी कोच्चि कार्यालय के कहने पर डेढ़ साल पहले भी एलओसी ऑन इंटीमेशन जारी किया गया था। बाद में इस जांच को बेंगलूरू दफ्तर स्थानांतरित कर दिया गया था।
तीन वर्षों से दिल्ली और दुबई के बीच यात्रा कर रहे
एक रिपोर्ट के अनुसार, ईडी का बेंगलुरु कार्यालय, जो वर्तमान में विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के कथित उल्लंघन की जांच कर रहा है, ने हाल ही में रवींद्रन को देश छोड़ने से रोकने के लिए एक नई एलओसी जारी करने का अनुरोध किया है। रवींद्रन कथित तौर पर पिछले तीन वर्षों से दिल्ली और दुबई के बीच यात्रा कर रहे हैं। इस हफ्ते की शुरुआत में उन्हें बेंगलुरु और दिल्ली का दौरा करते हुए देखा गया था। रवींद्रन ने बताया कि वह फिलहाल दुबई में हैं और कल सिंगापुर जाने की योजना बना रहे हैं।
सरकारी सूत्रों ने दी जानकारी (Byju Crisis)
एक सरकारी सूत्र ने कहा कि उन्होंने आव्रजन विभाग को बायजू के फाउंडर के खिलाफ एलओसी जारी करने का अनुरोध किया है। केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि उसने थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्राप्त विदेशी निवेश और फर्म के व्यावसायिक आचरण के संबंध में विभिन्न शिकायतों के आधार पर जांच कर रही है। ईडी के अनुसार, कंपनी में बड़े पैमाने पर विदेशी निवेश आया, जो कथित तौर पर फेमा, 1999 के प्रावधानों का उल्लंघन था और इससे केंद्र सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ।
कंपनी के वैल्यूएशन में आई है बड़ी गिरावट
एडटेक फर्म, जिसका मूल्य एक समय 20 अरब डॉलर से अधिक था और जो भारत के स्टार्ट-अप इकोसिस्टम की सबसे प्रमुख कंपनी थी। कंपनी को पिछले साल बड़े पैमाने पर घाटा हुआ और मूल्यांकन में लगभग 90 प्रतिशत की गिरावट आई है। इतना ही नहीं, बायजू 1.2 बिलियन डॉलर के ऋण को लेकर अमेरिका में ऋणदाताओं के साथ कानूनी लड़ाई में भी फंसा हुआ है।
इंजीनियर रह चुके रवींद्रन, जिन्होंने मौजूदा संकट से पहले जबरदस्त वृद्धि देखी थी। अब एडटेक फर्म की गिरती वैल्यूएशन के लिए आलोचना का शिकार हो रहे हैं। शेयरधारकों के एक समूह ने रवींद्रन को बाहर करने और एक नया बोर्ड नियुक्त करने के लिए एक एजीएम बुलाने का अनुरोध किया था। लेकिन, एडटेक फर्म के संस्थापक को कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश से कुछ राहत मिली है, जिसमें कहा गया है कि बैठक में लिया गया कोई भी निर्णय अगली सुनवाई तक अमान्य होगा।
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