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Cambridge University: मुरारी बापू की कथा में पहुंचे ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक, बोले मुझे हिंदू होने पर गर्व है, जय सिया राम का जय घोष भी किया

by Rakesh Pandey
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लंदन: कथावाचक मुरारी बापू इन दिनों में ब्रिटेन में हैं। वे यहां के कैंब्रिज यूनिवर्सिटी (Cambridge University) में रामकथा कर रहे हैं। इसमें मंगलवार को अचानक से ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) रामकथा सुनने पहुंच गए। यह पहला वाकया था जब ब्रिटेन में आयोजित रामकथा (Ramkatha) को सुनने के लिए वहां के प्रधानमंत्री पहुंचे। ऋषि सुनक आम आदमी की तरह बापू के सामने चेयर पर बैठे और कथा का सुनना। इससे पहले उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि वे एक प्रधानमंत्री की तरह नहीं, बल्कि हिंदू होने के नाते रामकथा सुनने आए हैं। सुनक ने व्यास पीठ पर पुष्पांजलि अर्पित की और जय सिया राम का जयकारा लगाया और कहा कि एक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करना बड़ा कठिन होता है, इसलिए मुझे आशीर्वाद दें। मुरारी बापू की रामकता में उपस्थित होना मेरे लिए सम्मान और खुशी की बात है।

मेरी डेस्क पर रहते हैं गणेश जी:

ऋषि सुनक ने कहा कि प्रगवान श्री राम का पूरा जीवन संघर्षमय रहा है। ऐसे में मुझे उनसे संघर्षों से निकले में प्रेरणा मिलती है। उन्होंने मुरारी बापू से कहा कि जैसे आपके मंच पर गोल्डन हनुमान जी का चित्र है, उसी तरह 11 डाउनिंग स्ट्रीट में, मैं अपनी डैस्क पर भगवान गणेश जी की एक मूर्ति रखता हूं और इस पर मुझे गर्व है। उन्होंने कहा, ‘बापू आपके आशीर्वाद से हमारे ग्रंथों ने जो एक लीडर के लिए काम सुझाए हैं, वो मैं करने का प्रयास कर रहा हूं। आपकी ऊर्जा मुझे प्रेरणा देती है। आपने पिछले हफ्ते भारत में 12 ज्योतिर्लिंग में घूम घूमकर रामकथा की और इसके लिए 12000 किलोमीटर का भ्रमण किया। मैं सोचता रहा कि काश मैं भी उस यात्रा में शामिल हो वहां मौजूद होता।’ उनके इस के संबोधन के बाद पूरा परिसर जय श्री राम के जयघोष से गूंज उठा।

मुझे ब्रिटिश और हिंदू होने पर गर्व है

ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने कहा कि उन्हें बिटिश और हिंदू होने पर गर्व है। मुझे आशीर्वाद दीजिए की मैं अपने देश की उन्नति के लिए इमानदारी से काम करता रहूं। उन्होंने बचपन में परिवार के साथ मंदिर जाने के समय को याद किया। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा मूल्य कर्तव्य या सेवा का है। सुनक ने मंच पर आरती में भी हिस्सा लिया। इस दौरान बड़ी संख्या में भारती मूल के लोग वहां मौजूद थे।

मेरे लिए आस्था बेहद निजी मामला:

सुनक ने कहा, ‘मेरे लिए आस्था बहुत निजी मामला है। यह मेरे जीवन के हर पहलू में मेरा मार्गदर्शन करती है। प्रधानमंत्री बनना बड़ा सम्मान है, लेकिन ये कोई आसान काम नहीं है। हमें कठिन फैसले लेने पड़ते हैं और हमारा विश्वास मुझे अपने देश के लिए सबसे बेहतर करने के लिए साहस और शक्ति देता है।’

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