पटना : दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ पटना सिविल कोर्ट में एक गंभीर मामला दर्ज किया गया है। यह केस बिहार के वोटर्स को ‘फर्जी’ कहने और उनका अपमान करने के आरोप में अधिवक्ता बीके कत्याल द्वारा दायर किया गया है। इस मामले में कोर्ट ने केस को स्वीकार कर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
‘फर्जी वोटर’ कहकर जनता का किया अपमान
अधिवक्ता बीके कत्याल ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि 9 जनवरी को अरविंद केजरीवाल ने सार्वजनिक रूप से उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को ‘फर्जी वोटर’ कहकर उनका अपमान किया था। उनका यह बयान न केवल अपमानजनक था, बल्कि इससे लाखों लोगों की भावनाओं को भी ठेस पहुंची। कत्याल ने इसे मानहानि का मामला मानते हुए कोर्ट में याचिका दायर की, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया है।
यह मामला केजरीवाल के खिलाफ दायर होने वाला 11वां मामला है। इसमें से तीन मामलों में केजरीवाल पहले ही माफी मांग चुके हैं। पटना सिविल कोर्ट में दायर किए गए इस केस ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। केजरीवाल का यह बयान उनके विरोधियों के लिए एक नया मुद्दा बन गया है।
बिहार के लोग किसी से कम नहीं हैं- महासचिव (अधिवक्ता संघ)
अधिवक्ता संघ के महासचिव ऋषिकेश नारायण सिन्हा ने केजरीवाल के बयान की कड़ी निंदा की। उन्होंने इसे ‘ओछी मानसिकता’ का परिचायक बताया और कहा, “बिहार के लोग किसी से कम नहीं हैं। यदि केजरीवाल को बिहारी फर्जी लगते हैं, तो उन्हें यहां आकर देखना चाहिए। बिहारी उन्हें करारा जवाब देंगे।” सिन्हा का यह बयान केजरीवाल के खिलाफ एक व्यापक विरोध को उजागर करता है, जिसमें बिहार के लोगों की भावनाओं को आहत करने की बात की जा रही है।
अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में दावा किया था कि दिल्ली में पिछले 15 दिनों में 13,000 नए वोटर जोड़े गए हैं, जिनमें से अधिकांश यूपी और बिहार से हैं। उनका कहना था कि इन वोटर्स की असलियत संदिग्ध है और उन्हें ‘फर्जी’ करार दिया था। केजरीवाल का यह बयान राजनीतिक विवाद का कारण बना और विपक्षी दलों ने इसे वोट बैंक की राजनीति से प्रेरित बताया।
केजरीवाल के बयान को लेकर पटना सिविल कोर्ट में दायर हुए इस केस ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि नेताओं को अपनी भाषा और सार्वजनिक बयान देने में अधिक जिम्मेदार होना चाहिए। कोर्ट ने अब इस मामले की जांच शुरू कर दी है और आगे की कार्रवाई की जाएगी।