कोलकाता : कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुए लेडी डॉक्टर रेप-मर्डर केस में गुरुवार को सुनवाई का समापन हो गया। अब कोर्ट 18 जनवरी को इस मामले में अपना फैसला सुनाएगा। सीबीआई ने इस केस में गिरफ्तार एक मात्र आरोपी संजय रॉय के लिए मौत की सजा की मांग की है।
सीबीआई की जांच और गवाहों के बयान
इस हत्या में सीबीआई की भूमिका को लेकर कोलकाता के डॉक्टरों ने लगातार प्रदर्शन किए। डॉक्टरों ने सीबीआई पर आरोप लगाया कि वह जांच में देरी कर रही है और अपराधियों को बचाने के लिए पुलिस के साथ मिलीभगत कर रही है। इसके बाद, कोर्ट के फैसले की ओर सभी की नजरें लगी हुई हैं।
संजय रॉय की सफाई और सीबीआई की चार्जशीट
संजय रॉय ने कोर्ट में कहा कि उसे साजिश के तहत फंसाया गया है और वह निर्दोष है। उसने आरोप लगाया कि कोलकाता पुलिस और सरकार ने उसे फंसाने के लिए धमकी दी थी। हालांकि, सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में उसे असली अपराधी करार दिया है। सीबीआई के अनुसार, संजय रॉय ने अकेले ही इस घिनौनी वारदात को अंजाम दिया है। फॉरेंसिक रिपोर्ट और सीमन का सैंपल संजय रॉय से मेल खाता है, जिससे उसकी संलिप्तता साबित होती है।
फॉरेंसिक और सीसीटीवी सबूतों से संजय रॉय का पर्दाफाश
सीबीआई की चार्जशीट में कई अहम बिंदु सामने आए हैं, जिनसे संजय रॉय की भूमिका स्पष्ट होती है। 9 अगस्त को सेमिनार हॉल के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में संजय रॉय को देखा गया था, जब वह हॉल में घुसा और आधे घंटे बाद बाहर निकला। इसके अलावा, सीबीआई ने उसकी मोबाइल की कॉल डिटेल्स और ईयरफोन से भी उसकी संलिप्तता की पुष्टि की। सबसे अहम बात, फॉरेंसिक रिपोर्ट में संजय का डीएनए मृतका से मैच किया है।
कोर्ट के फैसले का इंतजार
अब सबकी नजर कोलकाता के सियालदह कोर्ट पर है, जहां 18 जनवरी को इस मामले में अंतिम फैसला सुनाया जाएगा। सीबीआई ने संजय रॉय के लिए मौत की सजा की मांग की है, और इसका असर इस जघन्य अपराध के समाज पर पड़ेगा।