नई दिल्ली : प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCA) ने भारतीय सेना के लिए स्वदेशी उन्नत टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) की खरीद को मंजूरी दे दी है। यह सौदा 307 अत्याधुनिक हॉवित्जर गनों के लिए है, जिनकी मारक क्षमता 45 से 48 किलोमीटर तक है। इस सौदे में 327 गन टोइंग वाहन भी शामिल होंगे, जो सेना की 15 आर्टिलरी रेजिमेंटों को हथियार प्रदान करेंगे। यह सौदा लगभग 7000 करोड़ रुपये का है, और इसे अगले सप्ताह पर हस्ताक्षर की उम्मीद जताई जा रही है।
स्वदेशी हॉवित्जर की निर्माण क्षमता को मिलेगा बढ़ावा
स्वदेशी आर्टिलरी गन ATAGS (Advanced Towed Artillery Gun System) का निर्माण भारत में होगा, जिससे देश की रक्षा उत्पादन क्षमता को बढ़ावा मिलेगा। भारत में पहले कभी इतनी लंबी दूरी तक मार करने वाले आर्टिलरी गन का निर्माण नहीं किया गया है। परीक्षणों के दौरान, इस गन की क्षमता को पूरी तरह से जांचा गया, जिसमें 70 सड़कों पर हाई-स्पीड ट्रायल्स, रेगिस्तान में रेत के टीलों पर नेविगेशन, और 15 राउंड की रैपिड-फायर दर जैसी अहम विशेषताएँ सामने आईं।
DRDO और निजी कंपनियों के सहयोग से तैयार हुआ ATAGS
इस स्वदेशी आर्टिलरी गन का डिजाइन और विकास रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के पुणे स्थित आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (ARDE) में किया गया है। इसके उत्पादन के लिए दो प्रमुख निजी कंपनियों, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स (Tata Advanced Systems) और भारत फोर्ज (Bharat Forge Group), के साथ DRDO ने सहयोग लिया जायेगा। टाटा और भारत फोर्ज इस गन के निर्माण में मिलकर काम करेंगे, जिसमें भारत फोर्ज का हिस्सा 60% होगा और टाटा का 40%।
भविष्य में और बढ़ सकते हैं ATAGS के ऑर्डर
इस सौदे के बाद भविष्य में ATAGS के और भी आदेश आने की संभावना है, क्योंकि भारतीय सेना 1,580 ऐसे अत्याधुनिक तोपों की आवश्यकता पर विचार कर रही है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, सीसीएस से मंजूरी मिलने के बाद इस सौदे को इस वित्तीय वर्ष में पूरा किया जाएगा।