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मुख्य चुनाव आयुक्त को दी गई Z कैटेगरी सिक्योरिटी सुरक्षा, गृह मंत्रालय ने क्यों लिया फैसला, जानिए

by Rakesh Pandey
CEC security
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नई दिल्ली : इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) की थ्रेट परसेप्शन रिपोर्ट के बाद गृह मंत्रालय ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार (CEC security) को z कैटेगरी की सुरक्षा दी है। बता दें कि TMC के साथ-साथ कई राजनीतिक पार्टियां इस समय हंगामा कर रही हैं। इसे देखते हुए ही IB की थ्रेट परसेप्शन रिपोर्ट आई थी, जिसके आधार पर मुख्य चुनाव आयुक्त को सुरक्षा दी गई है।

Z कैटेगरी की सुरक्षा में क्या होगा? (CEC security)

मुख्य चुनाव आयुक्त को जेड श्रेणी की सुरक्षा दी है। बता दें कि देश में X, Y, Y+, Z, Z+ और स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) श्रेणी में सुरक्षा दी जाती है। वहीं Z श्रेणी देश की तीसरी सबसे ऊंची सुरक्षा श्रेणी है। जेड श्रेणी की सुरक्षा में कुल 33 सुरक्षागार्ड तैनात होते हैं। आर्म्ड फोर्स के 10 आर्म्ड स्टैटिक गार्ड वीआईपी के घर पर रहते हैं। 6 राउंड द क्लॉक पीएसओ, 12 तीन शिफ्ट में आर्म्ड स्कॉर्ट के कमांडो, 2 वॉचर्स शिफ्ट में और 3 ट्रेंड ड्राइवर राउंड द क्लॉक मौजूद रहते हैं।

चुनाव के बीच सुरक्षा में इजाफा

देशभर में लोकसभा इलेक्शन होने में बस कुछ ही दिन का समय बाकी है। इसी बीच मुख्य चुनाव आयोग की सुरक्षा में इजाफा किया गया है। खतरे की आशंका को देखते हुए गृह मंत्रालय ने सीईसी राजीव कुमार को जेड श्रेणी की वीआईपी सुरक्षा प्रदान देने का फैसला किया है। खुफिया एजेंसियों की तरफ से आए अलर्ट के बाद यह सिक्योरिटी दी गई है।

इंटेलिजेंस ब्यूरो की तरफ से तैयार की गई रिपोर्ट में मुख्य चुनाव आयुक्त को खतरा बताया गया और इसमें यह सिफारिश की गई थी कि सीईसी को कड़ी सुरक्षा मुहैया कराई जाए। अब सुरक्षा बढ़ाए जाने के बाद देशभर में यात्रा के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त जेड श्रेणी की सुरक्षा घेरे में रहेंगे।

दफ्तर के बाहर टीएमसी कार्यकर्ता का प्रदर्शन

सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल को इसके लिए करीब 40-45 जवानों की एक टुकड़ी उपलब्ध कराने को कहा है। ये फैसला तब लिया गया है, जब कुछ दिन पहले ही दफ्तर के बाहर टीएमसी के कार्यकर्ता ने प्रदर्शन किया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया था। हालांकि, इसके बाद TMC के 10 सदस्यों की टीम ने सोमवार को निर्वाचन आयोग की पूर्ण पीठ से मुलाकात की। इस मुलाकात में उन्होंने मांग की थी कि केंद्रीय एजेंसी के प्रमुखों को बदला जाए, क्योंकि वे सत्तारूढ़ दल भाजपा के कथित इशारे पर काम कर रहे हैं।

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