नई दिल्ली : भारत सरकार ने बुधवार को घोषणा की कि छह केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने अब साल में दो बार प्रवेश देने की नीति लागू कर दी है। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर के माध्यम से यह जानकारी साझा की।
क्या है दो बार दाखिले की नीति?
मंत्री ने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने उच्च शिक्षा संस्थानों को जुलाई या अगस्त और फिर जनवरी या फरवरी में छात्रों को प्रवेश देने की नीति को मंजूरी दी है। हालांकि, यह नीति वैकल्पिक है, जिसका पालन उच्च शिक्षा संस्थान तब करेंगे जब वे इसके लिए पूरी तरह से तैयार हों। सुकांत मजूमदार ने कहा, “इस नीति को लागू करने के लिए संबंधित संस्थानों को पूरी तरह से योजना तैयार करनी होगी, जिसमें सेमेस्टर परीक्षाओं की योजना भी शामिल होगी।”
किन विश्वविद्यालयों ने अपनाई यह नीति?
मंत्री ने यह भी बताया कि छह केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने इस नीति को अपनाया है, जिनमें केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय, पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय, हैदराबाद विश्वविद्यालय, तेजपुर विश्वविद्यालय और नगालैंड विश्वविद्यालय शामिल हैं। यह कदम छात्रों को और अधिक लचीलापन देने के उद्देश्य से उठाया गया है, जिससे वे अपनी पढ़ाई की शुरुआत में ज्यादा अवसर पा सकें।