Chaibasa Muharram : चाईबासा में मोहर्रम का पारंपरिक और ऐतिहासिक जुलूस रविवार देर रात भारी बारिश के बावजूद पूरे उत्साह और धार्मिक आस्था के साथ निकाला गया। जुलूस की भव्यता में इस बार दो खास झांकियां – ऑपरेशन सिंदूर और ब्रह्मोस मिसाइल लोगों के लिए आकर्षण का मुख्य केंद्र रहीं।
गरीब बस्ती और बड़कंदाज टोली से शुरू हुआ यह जुलूस शहर के बड़ी बाजार, शहीद पार्क होते हुए पाक कर्बला पहुंचा, जहां पारंपरिक खेल-प्रदर्शन के साथ इसका समापन हुआ। भीगते हुए भी बड़ी संख्या में लोगों ने ताजिया, तासा-डंका और पारंपरिक वेशभूषा के साथ जुलूस में भाग लिया, जो उनके धार्मिक समर्पण और संस्कृति के प्रति प्रेम को दर्शाता है।
‘अल्लाह हू अकबर’ और या अली या हुसैन के नारों और ढोल-ताशों की गूंज ने माहौल को बेहद आध्यात्मिक और भावनात्मक बना दिया। खासतौर पर युवाओं और बच्चों में झांकियों को लेकर काफी उत्साह देखने को मिला।
Chaibasa Muharram : प्रशासन रहा पूरी तरह मुस्तैद
जुलूस के शांतिपूर्ण संचालन के लिए प्रशासन की तरफ से पुख्ता इंतजाम किए गए थे। एसडीओ संदीप अनुराग टोपनो, एसडीपीओ बहामन टुटी, और अंचल अधिकारी उपेंद्र कुमार स्वयं मौके पर मौजूद थे। चाईबासा पुलिस चप्पे-चप्पे पर तैनात रही, जिससे किसी भी अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं मिली। सेंट्रल मोहर्रम कमेटी ने अपने संदेश में कहा कि मोहर्रम बलिदान, इंसानियत और भाईचारे की प्रतीक है। आयोजन की सफलता ने एक बार फिर चाईबासा को गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल बना दिया। नगरवासियों ने भी शांतिपूर्ण आयोजन के लिए प्रशासन की सराहना की।
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