चाईबासा : आदिवासी किसान मजदूर पार्टी के बैनर तले जुलूस निकाल कर मंगलवार को खुले बदन विरोध प्रदर्शन किया गया। इसके बाद कोल्हान आयुक्त के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
पुराना डीसी ऑफिस के बाद हुए प्रदर्शन में केंद्रीय अध्यक्ष सह जिला परिषद सदस्य जॉन मिरन मुंडा ने कहा कि पश्चिमी सिंहभूम धनी जिला है, लेकिन यहां के लोग गरीब बन गए हैं। यहां टाटा, रूंगटा, एसीसी जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियां चल रही हैं, लेकिन स्थानीय लोगों को काम पर नहीं लिया जाता है। इस कारण से सालों भर यहां के मजदूर बेरोजगार रहते हैं। यही नहीं, जिले में कृषि के लिए सिंचाई की सुविधा नहीं है, जिसके कारण आदिवासी समाज के लोग सबसे ज्यादा पलायन करने को मजबूर हैं।
झारखंड बनने के बाद 25 साल हो गए, नेता और अफसर मालामाल हो रहे हैं। हमारी मांग है कि निजी कंपनियों में स्थानीय लोगों को काम पर लिया जाए। सड़क व भवन निर्माण में मुर्शिदाबाद के मजदूरों को काम पर नहीं लिया जाए। इसके अलावा डीएमएफटी फंड या सीएसआर फंड से सालों भर सिंचाई की सुविधा दी जाए, ताकि पलायन पर रोक लग सके।
प्रदर्शन में जिला अध्यक्ष सह जिला परिषद सदस्य मानसिंह त्रिया ने कहा टाटा कंपनी 20 किलोमीटर दूर रामतीरथ नदी के पानी से खदान चला रही है, लेकिन प्रभावित किसानों को सिंचाई की सुविधा नहीं दे रही है। धरना-प्रदर्शन को सुनील गगराई व चंबरू पिंगुआ ने भी संबोधित किया।
Read Also: Chaibasa News : जिले में बालू के उठाव पर लगी रोक, अवैध बालू स्टॉक करने वाले पर होगी कार्रवाई