बेंगलुरू: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का बहुप्रतीक्षित मिशन Chandrayaan -3 आज (23 अगस्त) शाम 6.4 बजे चांद की सतह पर लैंडिंग करेगा। यह यान अपने प्रक्षेपण के 22 दिन बाद चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने जा रहा है। ऐसे में पूरी दुनिया की निगाह इस मिशन की सफलता पर है।
अगर सही ढंग से यान लैंडिंग कर जाता है तो भारत इतिहास रच देगा और ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। इतना ही नहीं चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग कराने वाला भारत विश्व का पहला देश बनेगा। यही वजह है कि ISRO इस इतिहास को बनते हुए पूरे देश को लाईव दिखाना चाह रहा है। इसके तहत लैंडिंग की पूरी प्रक्रिया का लाईव प्रसारण किया जाएगा। वहीं इसकी सफल लैंडिंग के लिए देश में अलग अलग जगहों पर पूजा अर्चना व दुआ मांगी जा रही है। वाराणसी का कामाख्या मंदिर, श्री मठ बाघंबरी गद्दी और मुंबई का चामुण्डेश्वरी शिव मंदिर आदि शामिल हैं जहां पूजा अर्चना व हवन हो रहा है।
जानिए कैसे देख सकते है लैंडिंग को लाईव:
अगर आप Chandrayaan -3 के सॉफ्ट लैंडिंग को लाईव देखना चाहते हैं तो आप इसरो की तरफ से जारी किए गए इस लिंक https://www.isro.gov.in/Chandrayaan3SoftLandingMessage.html कर सकते हैं। यहां पर शाम 5.27 बजे से लैंडिंग का प्रसारण किया जाएगा। इसरो ने पूरे देशवासियों से और खसकर स्कूली बच्चों के अभिभावकों से अपिल की है कि वे अपने बच्चे को लैंडिंग का लाईव प्रसारण जरूर दिखलाएं। इसके जरिए वह बच्चों में वैज्ञानिक सोच व विज्ञान के प्रति जागरूकता पैदा करने के साथ ही नई पीढ़ी को देश के इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनाना चाहता है। अगर यह मिशन सफल होता है तो स्कूल के कोर्स में भी इसे शामिल किया जाएगा।
पीएम मोदी लाइव इवेंट में ऑनलाईन जुड़ेंगे:लैंडिंग का लाइव इवेंट शाम 5:27 बजे से शुरू होगा। इस इवेंट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ऑनलाईन जुड़ेंगे। वे अभी ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने के लिए साउथ अफ्रीका में हैं इसलिए वे वर्चुअली ही शामिल होंगे।
लैंडिंग की तैयारी पूरी, सबसे अहम होंगे शुरू के 15 से 17 मिनट:
Chandrayaan -3 के लैंडिंग से पहले इसरो ने अपनी तैयारी भी पूरी कर ली है। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की टीम ने इस बार सॉफ्ट लैंडिंग के दौरान, ‘लास्ट मिनट्स ऑफ टेरर’ के जोखिम को लगभग खत्म कर दिया है। लैंडिंग के वक्त वे सभी विकल्प मौजूद रहेंगे, जिनका इस्तेमाल किसी भी आपात स्थिति में सुरक्षित लैंडिंग के लिए किया जा सकता है। कहा जा रहा है कि Chandrayaan -3 के लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग में 15 से 17 मिनट लगेंगे। इस ड्यूरेशन को ’15 मिनट्स ऑफ टेरर’ यानी ‘खौफ के 15 मिनट्स’ कहा जा रहा है।
जानिए Chandrayaan -3 है क्या?
ISRO के मुताबिक, चंद्रयान-3 मिशन चंद्रयान-2 का ही अगला चरण है, जो चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और परीक्षण करेगा। इसमें एक प्रणोदन मॉड्यूल, एक लैंडर और एक रोवर है। Chandrayaan 3 का फोकस चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंड करने पर है। मिशन की सफलता के लिए नए उपकरण बनाए गए हैं। एल्गोरिदम को बेहतर किया गया है। जिन वजहों से चंद्रयान-2 मिशन चंद्रमा की सतह नहीं उतर पाया था, उन पर फोकस किया गया है। Chandrayaan -3 ने 14 जुलाई को दोपहर 2:35 बजे श्रीहरिकोटा केन्द्र से उड़ान भरी और 23 अगस्त को चंद्रमा पर उतरेगा।
भारत का यह महत्वपूर्ण यान चंद्रमा पर कहां उतरेगा?
Chandrayaan -3 मिशन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरेगा। यह चांद का वह हिस्सा है जहां हमेशा अंधेरा रहता है। इस लिए इसे सबसे मुश्किल मिशन कहा जा रहा है। लैंडिंग की जगह चंद्रमा पर बिल्कुल ध्रुवीय क्षेत्र में नहीं है। चंद्रयान-3 के लिए निर्धारित स्थल लगभग 68 डिग्री दक्षिण अक्षांश है। लेकिन ये अभी भी चंद्रमा पर किसी भी अन्य लैंडिंग की तुलना में दक्षिण में बहुत दूर हैं। दुनिया के सभी मिशन अभी तक भूमध्यरेखीय क्षेत्र में ही उतरे हैं।
क्या बदल सकती है लैंडिंग की तिथि व लोकेशन?
इसरो ने चंद्रयान-2 की सफलता से सीख लेते हुए चंद्रयान-3 में व्यापक बदलाव किया हैं। चंद्रयान-2 के उतरने के लिए जितना क्षेत्र निर्धारित किया गया था, अब उसमें काफी इजाफा किया गया है। लैंडिंग के लिए लगभग 10 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र तय किया गया है। अगर लैंडिंग के लिए एक जगह सही नहीं लगी तो विकल्प के रूप में दूसरी जगह भी तैयार रखा जाएगा। लैंडिंग के लिए निर्धारित समय से ठीक दो घंटे पहले यान को उतारने या न उतारने पर अंतिम निर्णय होगा। इसरो के वैज्ञानिक नीलेश एम देसाई ने बताया कि अगर किन्हीं वजहों से Chandrayaan -3 को 23 अगस्त को लैंड नहीं कराया जाता है तो फिर इसे 27 अगस्त लैंड कराया जाएगा। हालांकि इसकी संभावना बहुत कम है।