नागपुर : महाराष्ट्र के नागपुर के महाल इलाके में सोमवार शाम को औरंगजेब की कब्र को लेकर जारी विवाद के बीच दो गुटों में हिंसक झड़प हो गई। इस दौरान उपद्रवियों ने कई वाहनों में तोड़फोड़ की और आगजनी भी की। डीसीपी समेत नौ पुलिस कर्मियों के घायल होने की सूचना है। घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल है, और पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तथा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि अराजकता फैलाने वाले लोगों से सरकार शक्ति से निपटेगी।
क्या है पूरा मामला?
हाल ही में औरंगजेब की कब्र को लेकर महाराष्ट्र में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई थी। कुछ हिंदू संगठनों ने मांग की थी कि इस कब्र को हटा दिया जाए। इसको लेकर सोमवार को महाराष्ट्र के विभिन्न इलाकों में जिलाधिकारी को विभिन्न हिंदू संगठनों की तरफ से ज्ञापन सौंप गए। दूसरी ओर मुस्लिम संगठनों ने इसका विरोध किया। शाम होते-होते नागपुर में माहौल बिगड़ गया। नागपुर के महाल इलाके में दो गुट आमने-सामने आ गए, जिसके बाद देखते ही देखते हिंसा भड़क गई।
कैसे भड़की हिंसा?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सोमवार शाम को महाल इलाके में दो पक्षों के लोग आमने-सामने आ गए और बहस शुरू हो गई। इसके बाद हालात बिगड़ने लगे और पथराव शुरू हो गया। उपद्रवियों ने कई वाहनों में तोड़फोड़ की और कुछ गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने हालात को काबू में करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े।
इन्होंने दिए हैं बयान?
- भाजपा सांसद उदयनराजे भोसले: उन्होंने औरंगजेब की कब्र को जेसीबी से हटाने की मांग की और कहा कि वह एक चोर और लुटेरा था।
- उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे: उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में ऐसे मुद्दों को हवा नहीं दी जानी चाहिए, लेकिन सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
- योगगुरु बाबा रामदेव: उन्होंने भी बयान दिया कि औरंगजेब एक क्रूर शासक था और उसकी चर्चा करना व्यर्थ है।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। अब तक 20 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है और मामले की जांच जारी है। नागपुर के पुलिस कमिश्नर ने कहा कि इलाके में शांति बहाल करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं।
क्या कह रहे हैं स्थानीय लोग?
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मुद्दा जबरन उठाया जा रहा है और कुछ असामाजिक तत्व इसे भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। व्यापारी वर्ग ने भी हिंसा की निंदा की है और जल्द से जल्द हालात सामान्य करने की अपील की है।
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