Chaturmas 2025 : फीचर डेस्क : किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य को करने से पहले हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त और तिथि का विशेष ध्यान रखा जाता है। शादी-ब्याह आदि अवसरों के लिए गुरु और शुक्र ग्रह की स्थिति को देखा जाता है, क्योंकि ये ग्रह वैवाहिक जीवन और सुख-समृद्धि के प्रतीक माने जाते हैं।
इनके अनुकूल रहने पर ही शुभ कार्यों को किया जाता है, लेकिन इन ग्रहों की स्थिति प्रतिकूल हो, तो शुभ कार्यों को करना वर्जित होता है। अगर गुरु या शुक्र ग्रह, दोनों में से कोई अस्त हो तो मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। चातुर्मास में गुरु ग्रह अस्त स्थिति में होते हैं, इसलिए इस दौरान किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य को करने के लिए मना किया जाता है। 6 जुलाई 2025 (आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि) से चातुर्मास की शुरुआत हो रही है, जो 2 नवंबर 2025 (कार्तिक शुक्ल एकादशी) तक चलेगी। यह चार महीनों की वह अवधि है, जब सनातन धर्म में शुभ और मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है।
Chaturmas 2025 : चातुर्मास में क्यों नहीं होते शुभ कार्य
हिंदू ज्योतिष के अनुसार, चातुर्मास के दौरान गुरु (बृहस्पति) ग्रह अस्त रहते हैं और कई बार शुक्र ग्रह भी। ये दोनों ग्रह शुभ कार्यों के कारक माने जाते हैं। जब ये ग्रह अस्त या कमजोर स्थिति में होते हैं, तो विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण जैसे मांगलिक कार्य वर्जित हो जाते हैं।
चातुर्मास में क्या नहीं करना चाहिए
चातुर्मास केवल मांगलिक कार्यों पर प्रतिबंध तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आचार-विचार और आहार पर भी संयम की अवधि होती है।
इस दौरान…
विवाह, मुंडन, जनेऊ, गृह प्रवेश आदि कार्य नहीं किए जाते।
मांस, मदिरा, प्याज, लहसुन और हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से बचना चाहिए।
व्रत, पूजा-पाठ, भजन-कीर्तन व तपस्या को अधिक महत्व दिया जाता है।
Chaturmas 2025 : 2 नवंबर 2025 से खुलेंगे शुभ मुहूर्त
चातुर्मास की समाप्ति के साथ ही 2 नवंबर 2025 से मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाएगी। यदि आप 2025 के अंत में विवाह या मुंडन की योजना बना रहे हैं, तो नवंबर और दिसंबर में कई शुभ तिथियां उपलब्ध हैं।
नवंबर 2025 में विवाह के शुभ मुहूर्त
नवंबर में विवाह के लिए ये तिथियां शुभ हैं:
2, 3, 6, 8, 12, 13, 16, 17, 18, 21, 22, 23, 25, 30 नवंबर
दिसंबर 2025 में विवाह के शुभ मुहूर्त
4, 5 और 6 दिसंबर को विवाह के लिए श्रेष्ठ योग बन रहे हैं।
यह समय शादी-ब्याह, यज्ञोपवीत आदि अन्य धार्मिक आयोजनों के लिए अत्यंत अनुकूल रहेगा।
Chaturmas 2025 : धार्मिक दृष्टिकोण से चातुर्मास का महत्व
चातुर्मास को आध्यात्मिक साधना, संयम, तप और भक्ति का समय माना गया है। भगवान विष्णु की शयन अवधि में यह समय ध्यान, जप, कथा-पठन और सेवा के लिए उपयुक्त होता है।
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