जमशेदपुर: सूर्य इंजीनियर के मालिक और मून सिटी के निवासी सूर्य प्रसाद की क्रिमिनल अपील 9/2024 को खारिज कर दिया गया है। इस फैसले के बाद उन्हें न्यायिक दंडाधिकारी उत्कर्ष जैन की अदालत द्वारा दी गई एक साल की सजा को काटना पड़ेगा। यह मामला एक चेक बाउंस से जुड़ा हुआ है, जिसके तहत सूर्य प्रसाद पर धोखाधड़ी का आरोप था।
वकील डीके अखौरी ने बताया कि वादी एम गोविंद राव ने सूर्य प्रसाद को ₹9 लाख का कर्ज दिया था, जो दोस्ताना कर्ज था। लेकिन जब सूर्य प्रसाद ने वादी को चेक दिया, तो वह बाउंस हो गया। इसके बाद वादी ने न्यायालय का सहारा लिया और 8 दिसंबर 2023 को न्यायालय ने सूर्य प्रसाद को ₹9 लाख का मुआवजा देने के साथ-साथ एक साल की सजा सुनाई थी।
सूर्य प्रसाद ने इस फैसले के खिलाफ अपील की थी, लेकिन न्यायालय ने उसकी अपील को खारिज कर दिया। न्यायालय के इस फैसले के बाद, ओलिडीह पुलिस ने सूर्य प्रसाद को गिरफ्तार कर लिया और न्यायालय के सुपुर्द कर दिया। यह मामला एक महत्वपूर्ण उदाहरण है कि न्यायालय अपने फैसलों में किसी भी तरह की लापरवाही या अव्यवस्था को स्वीकार नहीं करता है, खासकर जब धोखाधड़ी और बाउंस चेक जैसी घटनाएं सामने आती हैं। यह सजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए चेतावनी है जो इस तरह के कृत्यों में संलिप्त होते हैं। न्यायालय के इस फैसले से यह भी साफ हो गया है कि कर्ज देने के बाद, यदि कोई चेक बाउंस होता है, तो संबंधित व्यक्ति को न केवल मुआवजा देना होगा, बल्कि उसे सजा भी भुगतनी पड़ेगी। सूर्य प्रसाद का यह मामला अब एक कानूनी उदाहरण के रूप में पेश किया जाएगा, जो यह दर्शाता है कि धोखाधड़ी के मामलों में न्यायालय कितनी सख्ती से कार्यवाही करता है।