रांची : राजधानी सांवता समिति के तत्वावधान में रविवार को रांची विश्वविद्यालय के दीक्षांत मंडप में सोहराय मिलन समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि सोहराय पर्व हमारी सभ्यता और संस्कृति का प्रतीक है। यह पर्व हम सभी के लिए एकता, भाईचारे और समानता का संदेश लेकर आता है। आदिवासी समाज इस दिन प्रकृति की पूजा करता है और अपनी परंपराओं को सजीव रखता है। यह पर्व परिवार, भाईचारे और प्रकृति के साथ हमारे गहरे संबंधों को दर्शाता है।
संसाधनों की रक्षा में आदिवासी समाज की भूमिका
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आदिवासी समाज हमेशा से जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए संघर्ष करता रहा है। इन प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में आदिवासी समाज की महत्वपूर्ण भूमिका है। विशेषकर इस भौतिकवादी युग में जब इन संसाधनों का शोषण किया जा रहा है। हम सभी को मिलकर जल, जंगल और जमीन की सुरक्षा की दिशा में काम करना होगा।
जनजातीय विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध
मुख्यमंत्री ने आदिवासी समाज के समग्र विकास के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि हमारी सरकार आदिवासी समाज के आर्थिक, सामाजिक और सर्वांगीण विकास के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही है। आदिवासी समाज को सुरक्षा, अधिकार और शोषण से मुक्ति दिलाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। आने वाले समय में हम वंचित वर्गों के समग्र विकास को सुनिश्चित करेंगे।
समारोह में इनकी रही मौजूदगी
इस अवसर पर मंत्री चमरा लिंडा, राजधानी सांवता समिति के संरक्षक सनातन मरांडी, अर्जुन मरांडी, समिति के अध्यक्ष मेघलाल सोरेन, डॉ. दिनेश मुर्मू, सुधीर सोरेन, संजय हांसदा, विनय टुडू और राजधानी सांवता समिति के सभी पदाधिकारीगण भी उपस्थित थे।