पूर्वी सिंहभूम के गौरडीह गांव में दर्द से तड़पती रही पूजा, वाहन तक नहीं मिला
जमशेदपुर : झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के बोड़ाम प्रखंड स्थित गौरडीह गांव में सड़कों की बदहाली ने एक मासूम की जान ले ली। 9 वर्षीय पूजा महतो की पेट दर्द की तकलीफ के बावजूद समय पर इलाज नहीं मिल सका, क्योंकि खराब सड़क के कारण न तो एंबुलेंस पहुंच सकी और न ही कोई निजी वाहन गांव तक आया।
पीड़ित परिवार के अनुसार, पूजा को अचानक पेट में तेज दर्द हुआ। परिजनों ने तुरंत उसे अस्पताल ले जाने का प्रयास किया। लेकिन जैसे ही उन्होंने आसपास के वाहन चालकों से संपर्क किया, सभी ने खराब सड़क का हवाला देकर गाड़ी भेजने से इनकार कर दिया।
घंटों तक करती रही परिवार मदद की गुहार
गांव के उपमुखिया पूर्ण चंद्र महतो ने बताया कि पूजा महतो, गोविंद महतो की बेटी थी। उसके पेट में तेज दर्द होने के बाद परिवार ने आसपास के कई वाहन मालिकों को फोन किया। कई बार प्रयास के बावजूद कोई मदद नहीं मिली। कुछ ही घंटों में बिना इलाज के बच्ची ने दम तोड़ दिया।
चिरूडीह-माधवपुर रोड बना मौत का रास्ता
गौरतलब है कि बोड़ाम क्षेत्र का चिरूडीह-माधवपुर मार्ग पूरी तरह जर्जर हो चुका है। 7.5 किमी लंबे इस मार्ग में केवल 2.5 किमी हिस्सा ही पीसीसी ढलाई का है, जो सुरक्षित है। बाकी करीब 5 किमी की सड़क की कालीकरण परत पूरी तरह उखड़ चुकी है। जगह-जगह गहरे गड्ढे हैं, जिनमें बारिश का पानी भर जाने से सड़क बेहद फिसलन भरी हो गई है।
स्थिति यह है कि कई लोग अब मुख्य मार्ग की बजाय वैकल्पिक और लंबा रास्ता चुन रहे हैं, ताकि किसी हादसे से बचा जा सके।
ज्ञापन भी बेअसर, छह महीने से इंतजार
स्थानीय लोगों का कहना है कि छह महीने पूर्व गौरडीह पंचायत के मुखिया ने भाजपा नेताओं के साथ मिलकर सांसद बिद्युत बरण महतो के कार्यालय में ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन में स्लैग डलवाने की मांग की गई थी, ताकि आपातकालीन स्थिति में भी वाहनों का आवागमन रुक न सके। लेकिन, अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
गांववालों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द इस सड़क की मरम्मत नहीं की गई, तो ऐसी घटनाएं दोहराई जाती रहेंगी और बेमौत लोगों की जानें जाती रहेंगी।
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