जमशेदपुर : जमशेदपुर डीसी ऑफिस में मंगलवार को डीसी अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में चाइल्डलाइन, सी.डब्लू.सी., ऑब्जर्वेशन होम और वन स्टॉप सेंटर से संबंधित समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस मीटिंग में तय किया गया कि शहर में जो बच्चे भीख मांग रहे हैं उनको चिन्हित किया जाए। इनको चिन्हित कर इनकी काउसंलिंग की जाएगी कि वह पढ़ाई करें। उनके मां-बाप की भी काउंसलिंग होगी। डीसी के निर्देश पर अधिकारी भीख मांगने वाले बच्चों की काउंसलिंग करने का खाका तैयार कर रहे हैं। इसके लिए बाकायदा अभियान चलाया जाएगा और भीख मांगने वाले बच्चों को चिन्हित किया जाएगा।
चाइल्डलाइन की समस्या पर मंथन
बैठक में उप विकास आयुक्त अनिकेत सचान, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी संध्या रानी, डी.सी.पी.ओ. और एनजीओ प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। इस बैठक में मिशन वात्सल्य योजना के अंतर्गत बाल संरक्षण से जुड़े विभिन्न घटकों की समीक्षा की गई। बाल कल्याण समिति से प्राप्त परित्याग बच्चों के अधिकारों और संरक्षण, एकल अभिभावक वाले बच्चे और अनाथ बच्चों को योजनाओं से आच्छादित करने पर चर्चा हुई। इसके साथ ही, वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से पीड़ित बालिकाओं और महिलाओं को आवासन, विधिक सहायता, परामर्श, और पुलिस सहायता जैसी सेवाओं पर भी विचार किया गया। चाइल्डलाइन की गतिविधियों और समस्याओं पर चर्चा करते हुए, किशोर न्याय अधिनियम, बाल श्रम, बाल विवाह, और बच्चों से जुड़ी अन्य कानूनों पर भी विस्तृत चर्चा की गई।
उपायुक्त ने सभी स्टेकहोल्डरों को निर्देशित किया कि विशेष परिस्थितियों में रह रहे किशोरों की सुरक्षा और उनके समग्र विकास के लिए सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि स्लम में रहने वाले बच्चों को शिक्षा से जोड़ने की दिशा में पहल की जाए और भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों तथा उनके माता-पिता की काउंसलिंग की जाए।
उन्होंने बाल संरक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए सभी से सहयोगात्मक भावना से कार्य करने की अपील की। अंत में, बाल संरक्षण मुद्दों पर सहयोगात्मक रणनीति विकसित करने और अंतर्विभागीय समन्वय स्थापित करने पर बल दिया गया।