नई दिल्ली : चीन के वैज्ञानिक एक ऐसा भयावह हथियार विकसित कर रहे हैं, जो अपनी गोलियों की रफ्तार से दुनियाभर में खलबली मचा सकता है। यह एक मशीन गन है जो इतनी शक्तिशाली होगा कि इसे मानव इतिहास की सबसे ताकतवर मशीन गन कहा जा रहा है। यह गोलियां इतनी तीव्र गति से बरसाएगा कि इसका सामना करना किसी के लिए भी मुश्किल होगा। फिल्मों में दिखाए जाने वाले अत्याधुनिक हथियारों की याद दिलाने वाला यह मशीन गन असलियत में अब चीन के शोधकर्ताओं द्वारा निर्मित किया जा रहा है।
दुनिया की सबसे तेज़ फायरिंग मशीन गन
चीन का यह नया हथियार, अपनी फायरिंग क्षमता के मामले में किसी भी अन्य मशीन गन से कहीं आगे होगा। वर्तमान में अमेरिकी सेना के पास जो फालानक्स प्रणाली है, वह अपनी अधिकतम क्षमता में प्रति मिनट 4,500 राउंड गोलियां फायर कर सकती है। लेकिन चीन का यह नया हथियार हर मिनट 4,50,000 राउंड गोलियां फायर कर सकता है। यह आंकड़ा इतना विशाल है कि इस गति से फायरिंग करने वाले हथियारों को मैक 7 से ज्यादा गति से उड़ने वाली हाइपरसोनिक मिसाइलों को भी रोका जा सकता है।
नई तकनीक से सुलझी बड़ी चुनौती
इस हथियार की सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि इतनी अधिक गोलियों को फायर करने के बाद हथियार का बैरल लगातार गर्म होता जाएगा, जिससे इसकी क्षमता और सटीकता पर असर पड़ सकता था। इसके समाधान के रूप में, चीन के ताइयुआन स्थित औद्योगिक केंद्र में एक शोधकर्ता ने डिस्पोजेबल बैरल तकनीक को विकसित किया है। इस तकनीक के तहत, प्रत्येक फायरिंग के बाद बैरल को बदला जाएगा, ताकि इसकी क्षमता और सटीकता में कोई कमी न आए। इसका मतलब यह है कि हर बार गोलियां फायर करने के बाद बैरल और कंटेनर को फेंक दिया जाएगा और नया बैरल इंस्टॉल किया जाएगा।
बनी रहेगी बैरल की ताकत
चीन की नॉर्थ यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर लू जूटाओ, जो इस परियोजना का नेतृत्व कर रहे हैं, का कहना है कि इस नई तकनीक के चलते बैरल की ताकत और सटीकता में गिरावट का खतरा समाप्त हो जाएगा। परंपरागत मशीन गन में बैरल लोडिंग की प्रक्रिया में अक्सर समय लगता है, और इसकी वजह से बैरल की कार्यक्षमता में कमी आती है। लेकिन डिस्पोजेबल बैरल तकनीक के कारण यह समस्या हल हो जाएगी, क्योंकि हर बार नया बैरल और कंटेनर इस्तेमाल किया जाएगा।
इलेक्ट्रॉनिक ट्रिगर का शानदार आविष्कार
चीन की इस नई मशीन गन में एक और दिलचस्प नवाचार है – इलेक्ट्रॉनिक ट्रिगर। अभी तक मशीन गन में मेकैनिकल ट्रिगर का इस्तेमाल होता रहा है, जो पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की जरूरतों के हिसाब से नहीं था। पीएलए के पास 7,500 शॉट्स प्रति सेकंड की मांग थी, जो पारंपरिक ट्रिगर के जरिए पूरा करना मुश्किल था। इसके समाधान के लिए, लू और उनकी टीम ने एक इलेक्ट्रॉनिक ट्रिगर डिजाइन किया है, जो 17.5 माइक्रोसेकेंड में फायरिंग करता है। इस तकनीक की वजह से मशीन गन की फायरिंग गति इतनी तेज हो जाएगी कि प्रति बैरल 4,50,000 राउंड प्रति मिनट तक गोलियां फायर की जा सकेंगी।
अमेरिका के लिए चिंता का विषय
चीन के इस अत्याधुनिक हथियार की खोज ने अमेरिका को भी चिंता में डाल दिया है। अमेरिका की सेना इस नए हथियार के सामने अपनी सुरक्षा को लेकर सतर्क हो गई है, क्योंकि यह मशीन गन इतनी तेज़ गति से गोलियां बरसा सकती है कि किसी भी दुश्मन की हवाई या जमीनी हमलावर सेना को पूरी तरह से नष्ट किया जा सकता है। इसके अलावा, यह हथियार इतनी शक्ति रखता है कि हाइपरसोनिक मिसाइलों को भी रोक सकता है, जो वर्तमान में दुनिया की सबसे तेज़ मिसाइल मानी जाती हैं।
चीन की सैन्य क्षमता में वृद्धि
चीन की यह नई मशीन गन उसकी सैन्य क्षमता को और अधिक सशक्त बनाएगी। इसकी फायरिंग क्षमता और नये तकनीकी सुधारों की वजह से यह हथियार युद्ध के मैदान में चीन की ताकत को कई गुना बढ़ा देगा। इस तकनीक की सफलता चीन को अपनी रक्षा प्रणाली को और बेहतर बनाने में मदद करेगी और इसके साथ ही दुनिया भर में अपनी सैन्य शक्ति को साबित करने का एक नया मौका मिलेगा।
बदलनी पड़ेंगी युद्ध की रणनीतियां
चीन के इस नए हथियार के विकास के बाद, युद्ध की रणनीतियां और हथियारों की शक्ति में एक नया बदलाव देखने को मिल सकता है। यह नई मशीन गन उन देशों के लिए भी एक चेतावनी है, जो अपने सैन्य खतरों को नजरअंदाज करते हैं। अब उन्हें भी इस तकनीक की काट ढूंढनी पड़ेगी।
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